नर्मदापुरम / मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम जिले में सतपुड़ा की वादियों में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं सतपुड़ा में वैसे भी पचमढी , मढ़ई, तवा , चूरना एवं अन्य पर्यटन स्थल पहले से ही मौजूद है ऐसे ही पर्यटन विभाग जिला प्रशासन के माध्यम से ओर भी नए पर्यटन तलाशने का कार्य लगातार कर रहै है यहाँ पर्यटन स्थल तवा बांध के साथ ही एडवेंचर के लिए वाटर स्पोर्ट भी है । नए पर्यटन में हाल ही में एक स्थल जो कि भोपाल से 150 किलोमीटर , नर्मदापुरम जिले मुख्यालय से 55 किमी दूर ओर इटारसी से 32 किलोमीटर दूर छीपीखापा और तवानगर के बीच सतपुड़ा के घने जंगल मे पहाड़ पर चौरासी बाबा का एक सिद्ध स्थान है। चौरासी बाबा के स्थान तक पहुंचने के लिए जंगल के रास्ते से गुजरते हुए 417 सीढियों को चढ़कर पहुंच जाता है आने-जाने वाले सैलानी त्रिशूल, नारियल चढ़ाते हैं। तवानगर निवासी बसारत खान ने बताया कि यह स्थान बड़ा ही ऐतिहासिक एवं धार्मिक स्थान है यहां प्राचीन समय से 84 ग्राम के ग्रामीण इस स्थान में देवता का पूजन पाठ किया करते थे। इस स्थान को चौरासी बाबा के नाम से जाना जाता है। यहां पर सभी 84 ग्राम के ग्राम वासी के घरों में खुशियां आती हैं या मनोकामना पूर्ण होती है तो उसको चौरासी बाबा का आशीर्वाद माना जाता है। उस उपलक्ष्य में त्रिशूल ओर ध्वज यहां पर चढ़ाते हैं यह परंपरा काफी सालों पुरानी है। इस स्थान पर चौरासी बाबा, काली जी, शंकर जी और हनुमानजी का मंदिर है।
*आदिवासियों के देवता हैं*
उनकी कृपा से जंगल में आने-जाने वालों को कभी कोई परेशानी नहीं होती है चौरासी बाबा के दाहिनी ओर थोड़ी दूरी पर शेर की गुफा है बताया जाता है, इस गुफा से पहले अकाल या अन्न की आपदाओं के दिनों में गुफा से निःशुल्क अन्न बाटा जाता था ओर जब उन लोगो के पास अन्न आ जाता था तो वह अन्न वापस उसी गुफा में रख दिया जाता था। चौरासी बाबा के इस स्थान पर मेला भी भरता है, मेला यहाँ साल भर में लगभग लाख श्रद्धालुओं की आवाजाही हो जाती है। यहाँ से तवा बांध ओर प्राकृतिक सुंदरता देखने और ट्रेकिंग के लिए भी लोग पहुंचते ही पर्यटन की दृष्टिकोण से यह स्थान बहुत ही बढ़िया ओर रोमांचक भी है। इस दृष्टि से देखा जाय तो यहां पर पानी, बिजली, सड़क, सीढ़ियों पर रेलिंग ओर नीचे मैदान का समतलीकरण कराया जाना चाहिए। जिससे यहां पहुंचने वाले श्रद्धालुओं ओर पर्यटकों को सुविधा हो।