मध्य प्रदेश सरकार के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने टीकमगढ़ में एक बार फिर माझी मछुआरों की अस्मिता पर पानी फेर दिया। जब माझी समाज के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री जी से सवाल किया कि माझी समस्या पर आपका ध्यान नहीं है ऊपर से पेसा एक्ट लागू कर दिया। तब उन्होंने कहा माझी मछुआरों का इसमें कोई अनर्थ नहीं होगा । पदाधिकारियों का सवाल था की अधिनियम में आपने आदिवासियों को तालाब सौंपने का आदेश दिया है, बात टाल कर चले गए । यह बयान सोशल मीडिया पर जारी होते ही गांव गांव में माझी मछुआरे सरकार की गैर जिम्मेदारी से बेहद खफा हो गए। बगौता गांव से आज विरोध का शंखनाद शुरू हुआ और प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम निंदा प्रस्ताव तालाब में बैठकर पारित किया। बगौता पंचायत के मछुआ सोसाइटी कार्यकर्ता अरविंद रैकवार, गुड्डा रैकवार, राजू रैकवार, पूरन,छननूलाल रैकवार, जगदीश रैकवार, मुन्नी लाल रैकवार, राकेश रैकवार, कंदी रैकवार समेत करीब सैकड़ा भर माझी समाज के लोगों ने अपनी नाव सहित तालाब पर बैठकर संकल्प लिया कि सरकार हमारे खिलाफ किए गए आदेश में संशोधन करें वरना हम आपकी सत्ता बदल देंगे । भारी गुस्से में मछुआरों ने सरकार से सवाल किया कि हम भारतीय जनता पार्टी को वोट देते हैं और आपकी सरकार बनाते हैं आपने हमारे बच्चों की रोजी-रोटी छीनी हैं अब हम आपकी सत्ता छीन लेंगे। गौरतलब है कि प्रदेश की शिवराज सरकार ने हाल ही में पेसा एक्ट लागू कर वंशानुगत मछुआरों के तालाबों का अधिकार अब आदिवासी समुदाय को ग्राम पंचायत के माध्यम से ग्राम सभा को अहमियत दे दी गई है । इस बेतुके आदेश से संपूर्ण मध्यप्रदेश के वंशानुगत मछुआरे सरकार से नाराज हो गए और अपने अधिकारों की मांग करते हुए सड़कों पर उतर आए। आगामी 9 जनवरी सोमवार को माझी जनजाति संयुक्त संघर्ष समिति के तत्वाधान में एक बड़ा आंदोलन वंशानुगत मछुआरों की उपस्थिति में किया जाना है आयोजन के लिए जिले के प्रत्येक गांव में माझी मछुआरों को जागरुक भी किया जा रहा है और आमंत्रण पत्र बांटे जा रहे हैं। मध्य प्रदेश माझी जनजाति संयुक्त संघर्ष समिति के प्रांतीय महासचिव सुंदर लाल रैकवार, जिला अध्यक्ष राम चरण रैकवार, अरविंद रैकवार, मोती लाल रैकवार सहित अनेक पदाधिकारी इस मुहिम में लगातार माझी समुदाय को आमंत्रण दे रहे हैं