नर्मदापुरम /हर साल 15 अप्रैल को विश्व कला दिवस के रूप में मनाया जाता है, ये हर वर्ग में कला से जुड़े लोगों को बढ़ावा देने के लिए एक खास दिन है। इस दिन लोग खास तौर से अपने कामों से ब्रेक लेकर आम लोगों को कला से जुड़ी बातें बताते हैं और उन्हें अपने पैशन को फॉलो करने का सुझाव देते हैं। कई बार ऐसा होता है कि कई लोग कला के मामले में अच्छे होते हैं। लेकिन उन्हें परिवार से सपोर्ट नहीं मिल पाता, इसलिए भी ये दिन खास तौर से कला प्रेमियों को और इस छेत्र में काम करने वाले लोगों को समर्पित है।
इतिहास
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विश्व कला दिवस की आधिकारिक रूप से घोषणा इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ आर्ट की आम सभा के दौरान की गई थी। इसकी शुरुआत सबसे पहले साल 2012 में मशहूर लियोनार्डो दा विंची के जन्मदिन के अवसर पर हुई थी। इस कार्यक्रम में अलग अलग कला वर्गों के करीब 150 लोगों ने हिस्सा लिया था। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से कला, वास्तुकला, चित्रकला, संगीत, नृत्य सहित अन्य वर्गों के भावनाओं को एक सम्मान मिला था। और उन्हें अपने काम के लिए प्रोत्साहन मिली थी।
महत्व
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विश्व कला दिवस का काफी महत्व है। खास तौर से इस दिन लोग सांस्कृत्ति कलाओं के प्रशंसा और बढ़ावा देते हैं। इस दिन को खास तौर से कला से जुड़े लोगों के सम्मान के रूप में मनाया जाता है। जो कहीं न कहीं यह सम्मान आम दिनों पर नहीं हासिल कर पाते हैं। इस दिन को खास तौर से सांस्कृतिक विविधता को दिखाने का प्रतीक माना जाता है। क्योंकि हमारी संस्कृति हमारे लिए हमारी विरासत है। यह उत्सव लोगों को कला के प्रति प्रोत्साहत करता है। और कला के बारे में जानने में मदद भी करता है। इस दिन खास तौर से लोग कैंप्स का आयोजन कर के लोगों को कला के प्रति जागरूक करते हैं।
कैसे मनाया जाता है कला दिवस
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दुनिया भर में विश्व कला दिवस के अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों, सम्मेलनों, प्रदर्शनियों और कार्यशालाओं का आयोजन किया जाता है। शैक्षणिक संस्थानों में बच्चों व युवाओं को कला से जोड़ने के लिए तरह तरह तरह के आयोजन आदि किए जाते हैं। (संकलन प्रीति – चौहान)