डॉ॰ सुभाष पँवार
इटारसी : सारा जगत् इन दिनों क्रिसमस के उत्सव के पुरज़ोश में है । क्रिसमस आज किसी एक समाज, राष्ट्र या धर्म का उत्सव नहीं रहा बल्कि सारे विश्व का त्योहार बन गया है ।विश्व आज ऐसी ही प्रणाली व शिक्षा पद्धति की ओर ताक रहा है जो सर्वप्रथम मनुष्य को मनुष्य के साथ प्रेम और एक विश्व परिवार के रूप में रहने का आदर्श प्रदान करे । प्रभु यीशु की शिक्षाएँ हमें यही सिखाती और आदर्श बन कर सारे विश्व को एक ही परिवार के रूप में रहना सिखाती हैं । हमें इसे एक अभियान के रूप में लेना है।
यह अभियान स्थायी और पर्यावरण के अनुकूल क्रिसमस मनाने के लिए देश के सभी निवासियों को एकजुट करने पर केंद्रित एक आव्हान है। इसका मुख्य उद्देश्य क्रिसमस के त्योंहार को विश्वपरिवार का त्योहार बनाने के लिए पूरे देश में जमीनी स्तर पर कार्य करने की आवश्यकता है । क्रिसमस साल का सबसे शानदार समय है लेकिन पर्यावरण के अनुकूल प्रयास अधूरे है। आपने कहा कि ‘इंडिया फॉर ग्रीन क्रिसमस’ कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए देशव्यापी टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल क्रिसमस की दिशा में प्रयास जारी रखने का एक प्रयास करना है।
हम जो सजावट खरीदते हैं उससे लेकर जो खाना हम खाते हैं,सब कुछ – चाहे वह कितना भी बड़ा या छोटा क्यों न हो – एक बड़ा अंतर ला सकता है,” क्रिसमस को हरा-भरा रखने के कुछ सरल और प्रभावी तरीके प्लास्टिक से बचना, पर्यावरण के अनुकूल क्रिसमस पेड़ों को सजाना, डू-इट-योरसेल्फ (DIY) सजावट, एलईडी लाइट्स पर स्विच करना, पुन: प्रयोज्य आवश्यक उपहार देना, ई-कार्ड भेजना, नैतिक रूप से खरीदारी करना होगा। , बचे हुए को खाद बनाना, प्रकृति से जुड़ना, और इसी तरह।
हमें सावधान रहना है और हमारे सामान्य दिनचर्या में छोटे बदलावों और विचारों को शामिल करना है। उन वस्तुओं के बारे में सोचें जिन्हें हम खरीदते हैं हम उनका उपयोग कैसे करते हैं और हम उनका निपटान कैसे करते हैं।
क्रिसमस सारी दुनिया के देशों के निवासियों को पर्यावरण के अनुकूल उत्सव की कहानी साझा करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। अच्छे स्वास्थ्य, स्वच्छ व स्वस्थ वातावरण जलवायु परिवर्तन को रोकने व मानवता के मध्य सौहार्द को पुनः स्थापित करने व परमेश्वर के प्रेम से जीवन भरते हुए सभी सम्प्रदायों, धर्मों, व देशों के बीच वसुधैव कुटुंब के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में यह एक सतत प्रयास है ।