प्रदर्प गुप्ता /नर्मदापुरम / अगर किसी कार्य को करने का मन में जज्बा हो तो उम्र या समय आड़े नहीं आता है। यह कर दिखाया है श्रीमती रेखा रतनानी ने जो कि 17 सालों से क्लासिकल, कथक, फोक डांस टीचर, स्वरुचि लेखन में, गृह उद्योग के अंतर्गत कार्य कर रही हैं । महिलाओं द्वारा घर में तैयार किए गए खाद्य पदार्थ व कढ़ाई बुनाई कार्य को एग्जीबिशन लगाकर उनके व्यापार को और बढ़ाना लगभग 2 साल से इस पर कार्य कर रही हैं। हमें बताया कि मुझे जब भी घर के कार्य पूर्ण कर समय मिलता है तो कॉपी और पेन लेकर बैठ जाती हूं काव्य लिखती रहती हूं। आज उनका यह शौक काव्य जगत में एक अलग ही पहचान बना चुका है। काशी कविता मंच वाराणसी की राष्ट्रीय सलाहकार बनने पर उनके सभी शुभचिंतकों ने उन्हें शुभकामनाएं प्रेषित की।