नर्मदा समय, डॉ प्रताप सिंह वर्मा
धरती को इंसान के रहने योग्य बनाने के लिए प्रकृति व पर्यावरण को सुरक्षित रखना चाहिए। पर्यावरण और धरती जीवन जीने के लिए सबसे जरूरी चीजें उपलब्ध कराती है, जैसे सांस लेने के लिए हवा और पेट भरने के लिए भोजन पानी। हालांकि धरती को जीने के लिए एक अच्छे वातावरण की जरूरत होती है, जो प्रकृति देती है। प्रकृति और पर्यावरण ब्रह्मांड को सुचारू तौर पर चलाने का काम करता है।
प्रकृति हमें जीने के लिए बहुत कुछ देती है हालांकि इंसान बदले में प्रकृति का दोहन करता है और पर्यावरण को प्रदूषित करता है। इससे प्रकृति को नुकसान होता है और जनजीवन खतरे में पड़ जाता है। इंसान का कर्तव्य है कि ग्लोबल वार्मिंग, मरीन पॉल्यूशन के बढ़ते खतरे और बढ़ती जनसंख्या को नियंत्रित करें, ताकि पर्यावरण को सुरक्षित रखा जा सके। इसी कर्तव्य के प्रति लोगों को सचेत करने के लिए प्रतिवर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। इस बार विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर प्रकृति के संरक्षण के लिए पांच संकल्प लीजिए, ताकि हमारा पर्यावरण और धरती रहने योग्य बन सके।
पर्यावरण संरक्षण का पहला संकल्प
विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर पहला संकल्प लीजिए कि कचरे को सही स्थान तक पहुंचाएंगे। हर दिन घर से बहुत सारा कचरा निकलता है। इसमें सूखा व गीला कचरा होता है, जिसे लोग इधर उधर फेंक देते हैं। यही कचरा सही जगह पर न फेंकने के कारण जानवरों के पेट में या नदियों को गंदा करने का काम करता है। जिससे प्रदूषण फैलता है। ऐसे में पर्यावरण संरक्षण की शुरुआत घर से करें। घर से निकलने वाले कचरे को कूड़ेदान में डालें। इस दौरान सूखे व गीले कचरे को अलग अलग रखें ताकि उन्हे सही से व्यवस्थित किया जा सके।
दूसरा संकल्प
इंसानों, जानवरों और पेड़-पौधों, सभी के जीवन के लिए शुद्ध वायु आवश्यक है। इंसान को सांस लेने के लिए हवा चाहिए लेकिन अगर यह हवा दूषित हो तो जीना दूबर हो जाता है। श्वास संबंधी समस्याएं होने लगती है। वायु प्रदूषण का एक मुख्य कारक हमारी गाड़ियों से निकलने वाला दूषित धुआं है। पेट्रोल डीजल के वाहन का धुआं नुकसानदायक हो सकता है। ऐसे में पेट्रोल डीजल के बजाए ई वाहन का उपयोग करें। साथ ही अधिक से अधिक पब्लिक ट्रांसपोर्ट का उपयोग कर सकते हैं।
तीसरा संकल्प
पेड़ पौधों पर प्रकृति की निर्भरता है। हालांकि अंधाधुंध पेड़ पौधों की कटाई के कारण ऑक्सीजन की कमी हो रही है। वहीं मौसम चक्र भी बिगड़ रहा है। इस कारण आए दिन प्राकृतिक आपदाओं का प्रकोप झेलना पड़ रहा है। हालांकि प्रकृति को संरक्षित रखने, ऑक्सीजन की जरूरत को पूरा करने के लिए पेड़ पौधों की कटाई बंद करें। अगर कहीं पेड़ पौधे काट जा रहे हैं तो आप अधिक से अधिक पौधारोपण अपने आसपास करें। इस पर्यावरण दिवस पर पेड़ों के कटने से प्रकृति को होने वाले नुकसान की भरपाई का संकल्प लें और घर में या आसपास के पार्क में पौधे लगाएं।
चौथा संकल्प
इस वर्ष पर्यावरण दिवस 2023 की थीम ‘प्लास्टिक प्रदूषण का समाधान’ निकालना है। प्लास्टिक या पॉलीथिन का इस्तेमाल प्रकृति को बहुत नुकसान पहुंचाता है। चूंकि प्लास्टिक को नष्ट नहीं किया जा सकता, इस कारण यह नदियों, मृदा आदि में पहुंचकर प्रदूषित करता है। ऐसे में प्लास्टिक या पॉलीथिन के उपयोग को बंद करने का संकल्प लें। इसके बजाय पेपर बैग या कपड़े के बैग का उपयोग करें। इस पर्यावरण दिवस पर खुद पॉलीथिन के उपयोग से बचने और दूसरों को भी प्रोत्साहित करने का संकल्प लीजिए।
पांचवा संकल्प
विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर पांचवा संकल्प उन सभी के लिए लें जो वातावरण को शुद्ध और सुरक्षित रखने में सहायक हैं। जैसे पेड़ पौधे, धरती, मृदा, जीव-जंतु और जल आदि का प्रकृति को सुरक्षित रखने अहम योगदान है। इस मौके पर इन सभी का आभार व्यक्त करें। साथ रही इन सभी का सही संतुलन बना रहे इसके लिए जो कुछ आप कर सकते हैं, वह करने का संकल्प लें।विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून को हम सभी को यह 5 संकल्प पर्यावरण की रक्षा हेतु देश हित में पूरे करना आवश्यक है।