टीकमगढ़। जिले में पुलिस अधीक्षक मनोहर सिंह मंडलोई की प्रेरणा और नेतृत्व में संचालित परिवार जोड़ो अभियान ने समाज में विश्वास, संवाद और संवेदनशील पुलिसिंग की नई मिसाल स्थापित की है। इस अभिनव पहल के चलते जिले में दहेज प्रताड़ना और पारिवारिक विवादों में 47.5 प्रतिशत की उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है, जो इस बात का प्रमाण है कि जब कानून के साथ संवेदना जुड़ती है, तो समाज में सकारात्मक परिवर्तन स्वतः आता है। यह अभियान परिवारों में उत्पन्न मतभेदों को कानूनी कार्रवाई से पहले संवाद और परामर्श की प्रक्रिया के माध्यम से सुलझाने पर केंद्रित है। पति-पत्नी या पारिवारिक विवादों के प्रकरणों में, पुलिस द्वारा 06-स्तरीय परामर्श प्रक्रिया अपनाई जाती है, जिसमें दोनों पक्षों को एक-दूसरे को समझने, अपने दृष्टिकोण साझा करने और पुनः आपसी विश्वास स्थापित करने का अवसर दिया जाता है। अब तक इस प्रयास के अंतर्गत 70 परिवारों ने पुनः एक साथ रहने का निर्णय लिया है जो संवाद, संवेदना और समझ की शक्ति का जीवंत उदाहरण है।–महिला थाना की पहल से फिर जुड़ा एक परिवार—आवेदिका पार्वती अहिरवार पत्नि अमित अहिरवार पुत्री घूमना अहिरवार निवासी ग्राम ढकरवारा थाना मऊरानीपुर जिला झांसी उत्तर प्रदेश हाल निवासी ग्राम नारगुडा थाना देहात जिला टीकमगढ़ ने अपने अनावेदक पति व ससुराल बालो के खिलाफ शिकायत आवेदन पत्र महिला थाना में दिया था जिसमें दोनों पक्षों पर थाना बुलाया जाकर राजीखुशी से एक दूसरे के साथ रहने की समझाईस दी गई । काउंसलिंग सत्र के दौरान पुलिस अधिकारियों ने दोनों को आपसी सम्मान, संवाद और समझदारी से विवाद सुलझाने का संदेश दिया।पुलिस की सहयोगी भूमिका और शांतिपूर्ण वातावरण में दोनों पक्षों ने अपने मतभेद दूर करते हुए आपसी सहमति से पुनः साथ रहने का निर्णय लिया। इस सफलता में योगदान देने वाले अधिकारी गणों मे शामिल निरीक्षक मथुरा प्रसाद गोंड थाना प्रभारी महिला थाना टीकमगढ़ ,उप निरीक्षक धनवंती, महिला प्रधान आरक्षक रामसखी,महिला प्रधान आरक्षक ज्योति यादव,महिला आरक्षक नीलम काजले आदि। यह पहल केवल एक पुलिस कार्यक्रम नहीं, बल्कि समाज में सौहार्द, सहयोग और पारिवारिक मूल्यों के पुनर्निर्माण की दिशा में एक संवेदनशील प्रयास है। पुलिस अपने इस मानवीय दृष्टिकोण से यह साबित कर रही है कि *पुलिस सिर्फ कानून की रखवाली नहीं करती, बल्कि रिश्तों को भी जोड़े रख सकती है।

