प्रदीप गुप्ता /नर्मदापुरम / मनीष गुप्ता एवं अंजू गुप्ता द्वारा उनके पिता स्वर्गीय नवल किशोर गुप्ता की प्रथम पुण्यतिथि के स्मृति में तार अहाता में आयोजित कथा के प्रथम दिन पंडित सदभव तिवारी मानस सुमन ने बताया कि श्रीमद् भागवत कथा श्रवण करने से ज्ञान का संवर्धन वैराग्य की पुष्टि और भक्ति की संतुष्टि होती है। श्रीमद् भागवत कथा पापी व्यक्ति को भी भक्त बना देती है और उसके बाद का संबंध करती है। वास्तव में मोक्ष का अर्थ होता है, मुंह का छह हो ना ऐसा व्यास जी ने कथा के द्वितीय दिवस धुंधकारी मोक्ष की कथा सुनाते हुए कहा उन्होंने बताया कि भागवत कथा वेद रूपी कल्पवृक्ष का पका हुआ फल है। भागवत कथा श्रवण करने से भगवान हृदय में अवरुद्ध हो जाते हैं। कुंती आदि माताओं के विषय में वर्णन करते हुए कहा कि भारत देश की माताएं अत्यंत तपस्विनी और करुणामई होती हैं।