इटारसी/ प्रदीप गुप्ता / अपनी मां की प्रतिमा को देखकर अब नहीं लगेगा कि मेरी मां इस दुनिया में नहीं है, यह कहना है डॉ. प्रताप वर्मा का, यदि कोई व्यक्ति अपनी जिद को ठान ले तो वह पूरी करता है किंतु एक मातृ प्रेम जिद का अदभुत वाक्या देखने में आया है। जिसमें एक पुत्र ने अपनी माँ को कोरोना काल में खोने के बाद उसकी याद में अपनी माँ की जीवंत मूर्ति बनवायी हो। जी हाँ, यह वाक्या देश में किसी और स्थान का नहीं बल्कि इटारसी के बेटे डॉ. प्रताप सिंह वर्मा का है। स्थानीय शिवराजपुरी कॉलोनी इटारसी के रहने वाले डॉ. प्रताप सिंह वर्मा जिन्होंने 2 वर्ष पहले 1 मई 2021 को अपनी माँ डॉ. शशिप्रभा वर्मा को कोरोना बीमारी के कारण खो दिया था एवं स्वयं भी कोरोना एवं ब्लैक फंगस से पीड़ित हुए थे। उन्होंने अजय योद्धा की तरह ब्लैक फंगस से 3 माह तक महामुकाबला किया और ब्लैक फंगस से निजात पाकर जीत का परचम लहराया। उनकी माँ डॉ. शशि प्रभा वर्मा के लयाग, प्रेरणा, करुणा एवं संघर्ष से वह काफी प्रभावित थे। उन्हें हमेशा लगता था कि उनकी माँ किस प्रकार से अकेली विधवा महिला एवं दो मासूम एवं पांच बर्तन के साथ जीवन संघर्ष करके इतने बड़े पद पर पहुंची हैं एवं पूरे वर्मा परिवार का कीर्ति स्तम्भ बनी। इसलिए स्वस्थ होने के बाद उन्होंने अपने मन में ताना कि उनकी माँ की याद में उनके द्वारा संचालित रानी अवंती स्कूल परिसर में एक प्रतिमा की स्थापना करेंगे। इसके लिए उन्होंने जयपुर के महारुद्र मूर्ति काना केंद्र के आर्टिस्ट विनोद कुमार बाजपेयी से अपनी माँ की हूबहूब मूर्ति बनबाई।
शक्ति की मूर्ति का अनावरण कार्यक्रम :-
शक्ति की मूर्ति का अनावरण आज विश्व मातृ दिवस (मदर्स डे) को सुबह 11 बजे विशिष्ट अतिथियों के द्वारा किया जाएगा। इस दौरान नारी शक्ति सम्मान समारोह का भी आयोजन होगा, जिसमें 35 नारी शक्तियों को सम्मानित किया जावेगा। लाइफ लाइन एक्यूप्रेशर सेन्टर के माध्यम से साध्य एवं असाध्य रोगियों की बेहतर निःशुल्क एक्यूप्रेशर चिकित्सा सेवा के लिए स्व. डॉ. शशि प्रभा वर्मा को 12 दिसंबर 2022 को मरणोपरांत इंस्टीट्यूट ऑफ हॉलिस्टिक मेडिसिन की विश्व कान्फ्रेंस, इंदौर में एक्यूप्रेशर चिकित्सा का सर्वोच्च सम्मान एक्यूप्रेशर सेवा रक्त से उन्हें सम्मानित किया गया था। डॉ. प्रताप वर्मा ने बताया कि मां की मूर्ति का निर्माण कराया, जिसमें उन्हें 6 माह से अधिक का समय लगा। अब यह मूर्ति बनकर तैयार है, ओ मकराना सफेद संगमरमर की बनी है एवं इसकी ऊँचाई 6 फिट है यह मूर्ति विधि के संयोग से उनकी माता के जन्म दिवस 2 मई को इटारसी में आयी। इस प्रतिमा का नामकरण उन्होंने शक्ति की मूर्ति रखा है। किसी पुत्र द्वारा अपनी माँ की श्रद्धा भक्ति की है यह अनूठी मिसाल है।