*भाजपा सरकार के सौतेला रवैया देख किसान हो रहे परेशान नहीं एमएसपी पर अपनी मूंग*

*नर्मदापुरम डोलरिया से प्रवीण गौर कीख़बर*/नर्मदापुरम के तहसील डोलरिया के अन्तर्गत आने वाले सभी वेयर हाउस के मूंग खरीदी में वेयर हाउस मालिक के हस्तक्षेप हो रही धांधली वेयर हाउस मालिक ले रहे किसानो से मन माने पैसा ले रहा।
शासकीय मूँग खरीदी में कृषि प्रधान देश के कृषकों को एक सजा से कम यातनाएं नही मिल रही, बारिश के मौसम में खुलें आसमान के तले किसी की ट्राली पंचर हो जातीं हैं किसी का तरहा फटा, कोई की ख़ून पसीने मूंग फ़सल कीचड़ में विखर गई, 3 से 7 दिन तक ट्रैक्टर ट्राली रोक कर लाईनों में लगे हुए है। जैसे तैसे भारी संघर्ष के बाद अंदर हुए तों सर्वेयरों कों पैसे देना पड़ते हैं, चोरियां भी बड़े पैमाने पर हो रही,फिर मूंग बिक भी जाती है तो उसी समय बिल नही दिया जाता, कच्ची पर्ची दी जाती फिर 3 दिनों तक चक्कर लगाओ तब बिल बनता है,वह भी मैसेज पर,प्रिंट नही दिया जाता है।तुलाई केंद्र पर किसान खाना पीना व नींद हराम है। किसी भी केंद्र पर संमानजनक मूल भूत पानी पीने तक व्यवस्था नहीं है, ये एसी कूलर पंखा बाले अधिकारी व नेता क्या समझेंगे।कभी सर्वर डाउन तो कभी अन्य कारण बताये जाते है। स्लाईड बुकिंग लिमिट खत्म, पंजीकृत किसानों की बुकिंग पर रोक ऐसी तमाम परेशानियों गुज़र…इस गुप्त व अघोषित भ्रष्टाचार में लिप्त पापियों को क्या कहें, यदि शिकायत हो तो सारे नियम लगा कर सभी ट्राली वापस होती है। अब बारिस में नदी नाले उफान पर है,इस कारण किसान घर भी नही आ सकते।मंडी जाओ तो व्यापारी की मनमानी।हर किसान आर्थिक विपन्नता का कोप झेल रहा है।4 माह तक फसल नही बिकना यदि कर्ज देना हो व्याज कितना होगा।कृषि खर्च के लिए अति परेशानी है।कैसे सरकार किसानों को तड़फाकर सजा दें रहीं है। पूरी शासकीय खरीदी व्यवस्था एक अभिशाप है। किसान रोज़ तिल तिल मर रहा है। इससे अच्छा तो व्यापारियों को बलि देना ही ठीक है।