नर्मदापुरम / राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशानुसार एवं अध्यक्ष / प्रधान जिला एवं सेशन न्यायाधीश के मार्गदर्शन में दिनांक 10 मई 2025 को नेशनल लोक अदालत का आयोजन जिला न्यायालय नर्मदापुरम सहित तहसील न्यायालयों इटारसी, पिपरिया, सोहागपुर, सिवनी मालवा में किया गया। नेशनल लोक अदालत का उद्घाटन एवं शुभारंभ अध्यक्ष / प्रधान जिला एवं सेशन न्यायाधीश द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की मूर्ति पर माल्यापर्ण एवं दीप प्रज्जवलन कर किया गया।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव विजय कुमार पाठक ने बताया कि नेशनल लोक अदालत में प्रस्तुत होने वाले प्रकरणों के निराकरण हेतु जिला एवं तहसील न्यायालयों में कुल 24 न्यायिक खण्डपीठों का गठन किया गया था, जिनके द्वारा न्यायालयों में लंबित कुल 468 प्रकरणों का निपटारा किया गया, साथ ही विभिन्न विभागों से संबंधित 452 प्रीलिटिगेशन प्रकरण निपटाये गये। इसी के साथ न्यायालयों में लंबित प्रकरणों में लगभग 14,37,50,000/- के अवार्ड पारित किये गये, तथा विभागीय प्रकरणों में लगभग 5,86,00,000/- रूपये की वसूली हुई। इस नेशनल लोक अदालत में मोटर दुर्घटना दावा, चैक बाउंस, शमनीय अपराध, वैवाहिक मामलें, विद्युत चोरी से संबंधित मामलों के साथ-साथ सिविल तथा राजस्व मामलें निपटारे के लिए रखे गये थे।
*मोटर दुर्घटना दावा 09 प्रकरण निराकृत*
47,30,000/- रूपये के अवार्ड पारित हुआ
*चैक बाउंस के मामलें 129 प्रकरण निराकृत*
5,83,98,401/- रूपये के अवार्ड पारित हुआ
*आपराधिक शमनीय प्रकरण 146 प्रकरण निराकृत*
*वैवाहिक मामले 56 मामलें निराकृत*
*निरंक / रूपये के अवार्ड पारित हुआ*
*विद्युत चोरी के मामले 35 लंबित प्रकरण*
*निरंक /- रूपये के अवार्ड पारित हुआ*
*निराकृत 288 प्रीलिटिगेशन निराकृत*
8,69,789/- रूपये की वसूली लंबित मामलों में तथा
*संपत्तिकर के 92 मामलें निराकृत*
27,65,022 /- रूपये की वसूली प्रीलिटिगेशन मामलों में
जलकर के
50 मामलें निराकृत
9,15,023/- रूपये की वसूली प्रीलिटिगेशन मामलों में
बैंक रिकवरी 22 मामलें निराकृत
1,81,431/- रूपये की वसूली प्रीलिटिगेशन मामलों में
2006328/- रूपये की वसूली प्रीलिटिगेशन मामलों में
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण नर्मदापुरम के जिला विधिक सहायता अधिकारी अभय सिंह ने बताया कि नेशनल लोक अदालत में उपस्थित होकर प्रकरणों के निराकरण पक्षकारों में व्याप्त मतभेद हमेशा के लिए खत्म हो गया है। लोक अदालत में पक्षकारों के धन एवं समय दोनों की बचत होती है तथा उसे लंबी न्यायिक प्रक्रिया से भी छुटकारा मिल जाता है।