नर्मदापुरम / योग शिविर में हठ योग, भक्ति योग, राजयोग के महत्व पर प्रकाश डाला गया योग में शोध कार्य कर रही योग केंद्र संचालिका सत्यकीर्ति राने ने समग्र स्वास्थ्य के लिए यम, नियम आसन, प्रत्याहार, प्राणायाम, धारणा, ध्यान समाधि को समझाते हुए बताया कि योग हमें दैनिक जीवन में परिस्थितियों को अनुकूल बनाने में भी सहायता करता है योग से सामाजिक व व्यक्तिगत नैतिकताओं का विकास होता है। सत्यकीर्ति राने रीढ़ की हड्डी से जुड़ी समस्त रोगों पर योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा के प्रभावों का अध्ययन विषय पर phd कर रही हैं। सूक्ष्म व्यायाम, आयुर्वेदिक आहार, अनुलोम विलोम, कपालभाति, भ्रामरी कुंभक प्राणायाम, योग निद्रा, ध्यान, त्राटक, डायबिटीज, थायराइड, अनिद्रा, सर्वाइकल, फ्रोजेन शोल्डर, कमर में दर्द, घुटनों में दर्द, बीपी, वेरीकोज वीनस आदि रोगों में लाभ हेतु कई आसनों का अभ्यास करवाया गया। योग आसनों का निःशुल्क परामर्श योग दिवस तक दिया जाएगा। इस शिविर में शहर के कई नागरिकों ने भाग लिया। केंद्र की योग प्रशिक्षक मेघा कौशिक, सहयोगी जागृति यादव, सलोनी ने सहयोग किया। कोठी बाजार स्थित शिवोहम योग केंद्र से जुड़े जया चौहान, सिया पटवा, बानी मिश्रा, भारती चौकसे, पुष्पा मंसूरिया सहित कई योग साधकों ने अपने अनुभव साझा किए ।
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