नर्मदापुरम / उक्त बात आचार्य पंडित सुनील चौरे ( मुंशी) ने नर्मदा परिक्रमा का महत्व बताते हुए कहां कि नर्मदा परिक्रमा एक धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है, जो नर्मदा नदी के किनारे रहने वाले लोगों को एकजुट करता है। यह आयोजन न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह क्षेत्र की एकता और समृद्धि का भी प्रतीक है। नर्मदा परिक्रमा में शामिल होने वाले लोग नदी के किनारे चलते हुए भगवान शिव की पूजा करते हैं और नदी की महिमा का गुणगान करते हैं। यह आयोजन लोगों को एकजुट करता है और क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने में मदद करता है।
*एकता और समृद्धि*
नर्मदा परिक्रमा न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह क्षेत्र की एकता और समृद्धि का भी प्रतीक है। यह आयोजन लोगों को एकजुट करता है और क्षेत्र के विकास में योगदान करता है।
*निष्कर्ष*
नर्मदा परिक्रमा एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है, जो क्षेत्र की एकता और समृद्धि का प्रतीक है। यह आयोजन लोगों को एकजुट करता है और क्षेत्र के विकास में योगदान करता है।