टीकमगढ़। थाना दिगौड़ा क्षेत्र से लापता हुए 9 वर्ष 11 माह के मासूम बालक को जिला पुलिस ने महज 12 घंटे के भीतर सकुशल बरामद कर परिजनों से मिलाया। पुलिस की तत्परता, संवेदनशीलता और सतत प्रयासों ने न केवल एक संभावित गंभीर घटना को टाल दिया, बल्कि परेशान परिजनों के घर खुशियाँ भी वापस ला दीं।
घटना के अनुसार, 5 दिसंबर 2025 की शाम थाना दिगौड़ा को सूचना मिली कि एक नाबालिग बालक 4 दिसंबर की शाम से लापता है। परिजनों ने गांव और आसपास के क्षेत्रों में निरंतर खोजबीन की, पर सफलता नहीं मिलने पर अज्ञात व्यक्ति द्वारा बहला-फुसलाकर ले जाने की आशंका जताई। सूचना पर थाना दिगौड़ा में अपराध क्रमांक 330/25, धारा 137(2) बी.एन.एस. के तहत प्रकरण दर्ज कर तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया गया।
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक टीकमगढ़ आलोक कुमार ने तुरंत कार्रवाई करते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विक्रम सिंह कुशवाह और एसडीओपी जतारा अभिषेक गौतम के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी निरीक्षक मनीष मिश्रा के नेतृत्व में दो विशेष पुलिस टीमें गठित कीं। टीमें बिना समय गंवाए लगातार खोजबीन, तकनीकी विश्लेषण और क्षेत्रीय निगरानी में जुट गईं।
लगातार प्रयास रंग लाए और पुलिस ने मात्र 12 घंटे के भीतर लापता बच्चे को सुरक्षित बरामद कर परिजनों के सुपुर्द कर दिया। बच्चे की वापसी से परिवार में राहत और खुशी की लहर दौड़ गई। परिजनों ने पुलिस के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि त्वरित कार्रवाई ने उन्हें असहनीय तनाव से बाहर निकाला है।
सफल बरामदगी की इस उत्कृष्ट कार्यवाही पर पुलिस अधीक्षक आलोक कुमार ने पूरी टीम को पुरस्कृत करने की घोषणा की है। इस अभियान में थाना प्रभारी निरीक्षक मनीष मिश्रा, सउनि कल्याण सिंह, प्रधान आरक्षक अनिल रिछारिया, अभय वर्मा, आरक्षक नीलू राजपूत, राघवेन्द्र और अमित अहिरवार की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
पुलिस की सतर्कता और संवेदनशीलता ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि समय पर की गई प्रभावी कार्रवाई से किसी भी परिस्थिति को नियंत्रण में लाया जा सकता है और कई बार बड़े हादसों को भी टाला जा सकता है।

