प्रदीप गुप्ता /नर्मदापुरम / मां नर्मदा नदी और मंदिरों में अर्पित किए जाने वाले फूलों से लगनशील महिलाओं के समूह अगरबत्ती और धूपबत्ती बनाकर आजीविका की खुशबू बिखेर रही हैं। कई लोग घरों मंदिरों से निकलने वाले फूलों को नर्मदा जी में विसर्जित कर देते हैं। जिससे नर्मदाजी का पवित्र जल दूषित होता है। लेकिन जिला पंचायत नर्मदापुरम के आजीविका मिशन के तहत स्व सहायता समूह को दिए गए प्रशिक्षण के माध्यम से जासलपुर गांव की महिलाओं के रावीदास और सरस्वती स्व सहायता समूह की महिलाओं के द्वारा अगरबत्ती व धूपबत्ती बनाकर आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हो रही हैं। महिलाओं के समूह के द्वारा तैयार किए जाने वाली अगरबत्ती रेवा सुमन से नर्मदांचल सुगंधित हो रहा है।कलेक्टर नीरज कुमार सिंह के मार्गदर्शन में जिला पंचायत के आजीविका मिशन द्वारा स्व सहायता समूह की महिलाओं को प्रशिक्षण दिलाया गया। जिससे महिलाओं को आसानी हुई। पूजा में अर्पित फूलों को एकत्रित कर उन्हें सुखाकर उनका पावडर बनाकर उच्च गुणवत्तापूर्ण सुगंधित अगरबत्ती धूपबत्ती का निर्माण कर उसे अच्छी पैकिंग के साथ बाजार में उपलब्ध कराया जा रहा है। बताया जा रहा है कि स्वास्थ्य की दृष्टि से गैर हानिकारक यह अगरबत्तियां पूर्णत: चारकोल फ्री हैं एवं तीन प्रमुख फूलों गुलाब, मोगरा और लैवेंडर की खुशबुओं के साथ प्रीमियम क्वालिटी की आकर्षक पेकेजिंग में उपलब्ध हैं। अगरबत्ती की ब्रांडिंग एवं मार्केटिंग रेवा सुमन के नाम से की जा रही है। इन प्रीमियम क्वालिटी की अगरबत्ती का विक्रय एवं विपणन विभिन्न प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों जिसमें मढ़ई, चूरना, पचमढ़ी, तिलक सिंदूर, सलकनपुर जैसे महत्वपूर्ण स्थानों पर हो रहा है। कई बड़ी होटलों लाजों, प्राकृत शोरूमों, मृगनयनी, के अलावा ऑनलाइन मार्केटिंग के माध्यम से भी हो रहा है।प्रशासन की सार्थक पहल से इस कार्य का दोहरा लाभ हो रहा है। एक तो महिलाओं के समूहों को लाभ मिलने से उनकी आर्थिक आत्मनिर्भरता बढ़ रही है महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक सकारात्मक कार्य शुरू हुआ है दूसरा लाभ मां नर्मदा के जल को निर्मल बनाए रखने की भी सराहनीय पहल हुई है।
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