प्रदीप गुप्ता/ नर्मदापुरम / जिला अभियोजन अधिकारी राजकुमार नेमा ने बताया कि दिनांक 04.02.2022 को म.प्र. टाईगर स्ट्राईक फोर्स की टीम को मुखबिर से आरोपीगणों के द्वारा वन्यप्राणी तेंदुए एवं अन्य वन्यप्राणियों के अवयवों के अवैध व्यापार की सूचना मिली थी, जिसमें टीम के द्वारा भोपाल सिरोंज मार्ग पर ग्राम भरनाखेड़ा, तहसील- सिरोंज, जिला-विदिशा में जाकर नाकाबंदी कर आरोपीगण बांगरूनाथ एवं मोहर सिंह नाथ को मोटर साईकिल से आते हुए देखा, उन्हें रोककर उनकी तलाशी लेने पर आरोपी बांगरूनाथ के पास से प्लास्टिक की बोरी में तेंदुए की खाल, लोहे का चाकू और उसकी पेंट की जेब से एक तेंदुए का कटा हुआ पंजा मिला था। दूसरे आरोपी मोहर सिंह की तलाशी लेने पर उसकी जेब से 04 नग जंगली सुअर के दांत, 02 नग तेंदुए के कटे हुए पंजे मिले थे।विवेचना के दौरान बांगरूनाथ की निशादेही पर उसके घर के बाढे से 28 नग सेही के कांटे, 04 नग मांस के टुकड़े, शिकार में प्रयुक्त लेग होल्डर 02 नग, बल्लम, सब्बल जप्त किये थे और बांगरूनाथ की निशादेही पर तेंदुए का खाल विहीन शव जो उसने जंगल में गाड़ दिया था, जप्त किया था। संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। न्यायालय श्रीमती रितु वर्मा कटारिया मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नर्मदापुरम द्वारा अपने निर्णय दिनांक 24.01.2023 अनुसार आरोपीगण बांगरूनाथ एवं मोहर सिंह को वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 9/51, 44, 49, 48ए में दोषी पाते हुए 5-5 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 50,000-50,000/- रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। प्रकरण में शासन की ओर से सहा. जिला अभियोजन अधिकारी अरूण कुमार पठारिया, सहायक जिला अभियोजन अधिकारी जिला-नर्मदापुरम द्वारा पैरवी की गई। मामले में विशेष सहयोग सहा. जिला अभियोजन अधिकारी अखिलेश गंगारे का रहा है जिन्होंने दंड के प्रश्न पर न्यायालय के समक्ष तर्क रखे।