नर्मदापुरम / प्रदीप गुप्ता / शासकीय गृहविज्ञान स्नातकोत्तर अग्रणी महाविद्यालय में दिनांक 30 मई 2023 मंगलवार को मादक पदार्थ के उपयोग के दुष्प्रभाव , रोकथाम एवं बचाव विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया । इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता राजीव तिवारी, बाबा प्रसाद दास , महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. श्रीमती कामिनी जैन, नर्मदा महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. ओ एन चौबे, संयोजक डॉ. कंचन ठाकुर, सचिव डॉ, हर्षा चचाने ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति प्रदान की। मां सरस्वती की पूजन, दीप प्रज्जवलन, अतिथियों के स्वागत के पश्चात् नषा मुक्ति शपथ ग्रहण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. श्रीमती कामिनी जैन ने अपने स्वागत भाषण में कलेक्टर नीरज कुमार सिंह, संयुक्त कलेक्टर श्रीमती फरहीन खान को धन्यवाद करते हुए कहा कि नशा मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। यह कार्यक्रम सामाजिक न्याय एवं दिव्यांग सशक्तिकरण विभाग द्वारा वित्त पोषित है। पिछले एक सप्ताह से विभिन्न गतिविधियों ,कार्यक्रम एवं प्रतियोगिताओं के माध्यम से छात्राओं को मादक पदार्थों के प्रति सजग किया जा रहा है । डॉक्यूमेंट्री फिल्म, मानव श्रृंखला, वाद-विवाद, भाषण, रंगोली, पोस्टर प्रतियोगिता , स्लोगन, निबंध इत्यादि प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें छात्राओं ने बढ़ चढ़कर सहभागिता की। डॉ. जैन ने बताया कि वर्तमान समय में सर्वाधिक ज्वलंत मुद्दे पर संगोष्ठी आयोजित करने के लिए सामाजिक न्याय एवं दिव्यांग विभाग को हम धन्यवाद प्रेषित करते हैं। अधिकांशतः अपराधों का कारण भी नशा ही होता है। मादक पदार्थों के सेवन से आर्थिक नुकसान हैं, साथ-साथ इसका उपयोग हमारे स्वास्थ्य ,सुरक्षा, शांति और विकास को गंभीर रूप से प्रभावित करता है। युवा पीढ़ी नशे को फैशन और स्टेटस सिंबाल के रूप में ले रही है। युवा समझ ही नहीं पाते कि वह कब नशे के आदी होकर अपने स्वास्थ्य , परिवार एवं राष्ट्र को नुकसान पहुंचा रहे हैं । मादक पदार्थ हर रूप में नुकसान करता है यह हमें आर्थिक, शारीरिक, नैतिक नुकसान पहुंचाता ही है, साथ ही साथ दुर्घटना एवं घरेलू हिंसा का भी कारण बनता है। महाविद्यालय पूर्णरूपेण नशा मुक्त परिसर है। महाविद्यालय में जगह-जगह पर नशा मुक्ति के स्लोगन लगाए गए हैं। एनसीसी ,एनएसएस की छात्राओं को नशा मुक्त के अंतर्गत बालन्टीयर बनाया गया है जिन्होंने अपने वार्ड एवं ग्राम में नशा नहीं करने हेतु जागरूक किया है। आने वाले सत्र में ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे जिससे हम नशा मुक्त परिवार , समाज एवं देश का संकल्प को पूर्ण कर सकें । प्राचार्य ने बताया कि ड्रग काउंसलिग स्किल सर्टिफिकेट कोर्स भी महाविद्यालय द्वारा प्रारंभ किया जायेगा। विषय प्रवर्तन करते डॉ. हर्षा चचाने ने बताया कि विभिन्न प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाली छात्राओं को प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया जाएगा। महाविद्यालय द्वारा नशा मुक्त मित्र छात्राओं को भी पुरस्कृत किया जाएगा। मुख्य वक्ता राजीव तिवारी, शुद्ध नशा मुक्ति केंद्र भोपाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि मादक पदार्थों के उपयोग से स्वयं पर नियंत्रण समाप्त हो जाता है। मादक पदार्थों का आदि होने पर मनुष्य चाह कर भी उसे नहीं छोड़ पाता है। नशा समाज के लिए घातक है। हिंसक अपराधों के पीछे नशा ही कारण होता है । हिंसा का कारण 50ः मादक पदार्थ होते हैं। अधिकांश दुर्घटनाओं का कारण नशा ही होता है । नशा एक बार का मजा जीवन भर की सजा होती है। डॉ. ओ एन चौबे ने अपने उद्बोधन में कहा कि मादक पदार्थों की शुरुआत होने पर वह असीमित हो जाती है।यदि हम समाज से जुड़े रहे तो हम नशे से दूर रह सकते हैं । दृढ़ संकल्प से ही हमे इस बुराई से बचना होगा। अध्यक्षीय उद्बोधन में बाबा प्रसाद दास ने कहा कि अनुभव सबसे बड़ा शास्त्र है।जीवन का अधो पतन नशे से होता है । मन के हारे हार है , मन के जीते जीत । हमें अपने आप पर नियंत्रण रखना होगा । इस संगोष्ठी के समापन अवसर पर अतिथियों को स्मृति चिन्ह प्रदान किए गए। कार्यक्रम का सफल संचालन करते हुए डॉ. संगीता अहिरवार ने विभिन्न प्रकार के मादक पदार्थ एवं सेवन से होने वाले परिणाम को अवगत कराया। डॉ. कंचन ठाकुर ने आभार व्यक्त करते हुए सभी अतिथियों के प्रति सम्मान ज्ञापित किया । कार्यक्रम के समापन के अवसर पर विभिन्न प्रतियोगिताओं में स्थान प्राप्त करने वाली छात्राओं को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए । नशा मुक्त मित्र पुरस्कार कुमारी नोशिबा खान को दिया गया। स्वरचित कविता में प्रथम स्थान पर नोसीबा खान, द्वितीय प्रिया मेहरा , तृतीय वर्षा पुरोहित रहे। निबंध लेखन में प्रथम स्थान पर शिवानी धुर्वे, द्वितीय मुस्कान सोलंकी तृतीय राधिका यादव रही। स्लोगन प्रतियोगिता में प्रथम शीतल, द्वितीय संगीता एवं तृतीय डॉली रही। नुक्कड़ नाटक में पूजा गोस्वामी एवं समूह अपने नाटक के माध्यम से लोगों को नशे के विरुद्ध सजग किया। रंगोली में प्रथम कुमारी साक्षी अमोले , द्वितीय प्रियांशी एवं तृतीय संजना वर्मा ने स्थान प्राप्त किया। भाषण प्रतियोगिता में प्रथम नोशिबा खान, द्वितीय अंशिका गुप्ता, तृतीय वर्षा पुरोहित एवं वाद-विवाद में पक्ष में प्रथम अंशिका गुप्ता, द्वितीय पायल बावरिया , एवं विपक्ष में प्रथम तुलसी बाबरिया, द्वितीय राजेश्वरी बाढ़ीबा रही । इस संगोष्ठी में डॉ. नीतू पवार, डॉ. रफीक अली, डॉ. कीर्ति दीक्षित, बलराम यादव ने विशेष सहयोग प्रदान किया। कार्यक्रम में डोंगरवाडा ग्राम के सरपंच माखन कीर जन अभियान परिषद के समन्वयक नेहरू युवा केंद्र के वालंटियर, केवल धाम योगाचार्य राकेश चौहान, सामाजिक न्याय विभाग का समस्त स्टाफ नें अपनी गरिमामयी उपस्थिति प्रदान की। कार्यक्रम में डॉ. भारती दुबे, डॉ. रश्मि श्रीवास्तव, डॉ. दीपक अहिरवार, डॉ. रागिनी सिकरवार, डॉ. रीना मालवीय, श्वेता वर्मा , डॉ. मनीषा तिवारी, शैलेंद्र तिवारी , डॉ. हेमंत चौधरी , डॉ. एकता गुप्ता, डॉ. कीर्ति खरे, डॉ. मधु विजय महाविद्यालयीन स्टाफ एवं भारी संख्या में छात्राए उपस्थित रहीं।
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