नर्मदापुरम / श्रीरामलीला महोत्सव के अंतर्गत सेठानी घाट पर बने विशाल मंच से चतुर्थ दिवस पुष्पवाटिका की लीला का आकर्षक मंचन किया गया। जिसमें मुनि विश्वामित्र के साथ श्रीराम लक्ष्मण जनकपुर पहुंचते हैं। मुनि विश्वामित्र का जनकपुर आगमन विशेष कार्य हेतु हुआ है, राजा जनक की प्रतिज्ञा के अनुसार उनकी पुत्री जानकी का विवाह उसी राजा से होगा जो भगवान शंकर के धनुष पिनाक को भंग करेगा। जनकपुर में प्रातः काल उठकर श्रीराम जी और लक्ष्मणजी ने गुरु विश्वामित्र से आज्ञा लेकर जनकपुर के नगर दर्शन और पुष्वाटिका देखने जाते हैं। जब श्री राम लक्ष्मण के साथ पुष्पवाटिका में फूल चुन रहे होते हैं, उसी समय जनकसुता जानकी जी वहां सखियों सहित गिरिजा पूजन के लिए आती हैं। तब प्रभु श्रीराम जी ने लताओं की ओर से जानकीजी के दर्शन करते हैं। जानकी जी गिरिजा पूजन विधि विधान से करती हैं और वे भी प्रभु श्रीराम के दर्शन करके लौट जाती हैं। आज की लीला में प्रतीक दुबे ने श्रीराम , अक्षय मिश्रा ने लक्ष्मण , सम्पूर्ण चतुर्वेदी ने जानकी , पं. अजय परसाई ने विश्वामित्र ,पुनीत पाठक ने शतानंद , अरुण तिवारी ने बजाज , गोपाल शुक्ला ने इत्रवाला , दीपेश व्यास ने चने वाला , आदित्य नारायण परसाई ने पान वाला , योगेंद्र दिवोलिया ने सराफ , मनोज परसाई ने मिठाई वाला , जनक दूत दीपक साहू की भूमिका तथा पात्र श्रंगार हेमंत मालवीय , माधव दुबे का और दृश्य संयोजन यश गोस्वामी और सुखदेव भार्गव का रहा । दिनांक 1 अक्टूबर को धनुषयज्ञ की लीला का आकर्षक मंचन होगा ।
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