नर्मदापुरम / ब्रह्माकुमारीज संस्थान के रसूलिया सेवाकेंद्र द्वारा आयोजित सप्त दिवसीय महाशिवपुराण कथा के तीसरे दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। इसमें कथा वाचक बीके नीलम ने कहा कि एक मुखी रुद्राक्ष का मतलब है मेरा तो एक शिव बाबा दूसरा न कोई धारण करो । एक मुखी माना इस मुख से एक परमात्मा का नाम निकले । जिसने एक मुखी धारण किया है उनसे कोई भी लक्ष्मी रूठेगी नहीं। दो मुखी माना देव देवेश्वर देवी देवताओं को धारण करना। शिव बाबा के साथ सुसज्जित देवी देवताओं को याद करना। श्री कृष्ण जी के गुणों को याद करना। राम जी के गुणों को याद करना। तीन मुखी रुद्राक्ष माना तीन देवताओं का वर्णन तीन विधाएं, तीन लोक, तीन काल, तीन देवताओं का प्रतीक। ब्रह्मा द्वारा मनुष्य सृष्टि की स्थापना, विष्णु जी के द्वारा पालना, शंकर जी के द्वारा इस पतित दुनिया का विनाश अभी ये स्थापना का कार्य चल रहा है तो आप दिव्य गुणों की धारणा करो। चार मुखी रुद्राक्ष ब्रह्मा का प्रतीक है। चार मुखी रुद्राक्ष धारण करना है तो ब्रह्मा जी की चार बातों को जानना जरूरी है। पहली बात है ब्रह्मचर्य, ब्रह्माभोजन, जल्दी उठना, सत्संग, दिव्यगुणों की धारणा करो। उन्होंने कहा कि पंचमुखी रुद्राक्ष धारण करना माना आत्मा का अपनी पांचों कर्मेंद्रियों पर नियंत्रण होना चाहिए। तभी पाँच मुखी रुद्राक्ष काम करेगा। क्या देखना है, क्या बोलना है, क्या सुनना है, क्या कर्म करना है? छह मुखी रुद्राक्ष कार्तिकेय जी का प्रतीक है। आपके कर्म कीर्ति की महिमा होगी। सात मुखी रुद्राक्ष माना दरिद्रता खत्म हो जाती है। सात मुखी अर्थात सात गुणों को धारण कर लोगे तो दरिद्रता खत्म हो जाएगी। पहला गुण प्रेम, पवित्रता, ज्ञान, आनंद, शक्ति, सुख शांति । आठ मुखी रुद्राक्ष माना शूल धारी शंकर बना देता है । जो मैं भीतर गया तो तर गया जो मैं बाहर गया तो बिखर गया। नौ मुखी रुद्राक्ष माना नौ निधियाँ कपिल मुनि और एक निधि धन, दौलत, पवित्रता, ज्ञान, खुशी, समय, संकल्प, श्वांस। दस मुखी रुद्राक्ष विष्णु जी का प्रतीक है। विष्णु जी के चार हाथ में क्या क्या है? एक में स्वदर्शन चक्र, कमल, शंख, गदा सुदर्शन सु माना शुभ स्व दर्शन माना स्वयं का दर्शन करना। स्व का दर्शन पुण्य आत्मा, धर्म आत्मा, देव आत्मा, शंख माना शंख नाद करो अपनी अच्छाइयों का। लेकिन जब इस मुख के द्वारा अच्छाइयों का वर्णन होने लगता है तो बुराइयां डरने लगती है।
कमल गृहस्थ का प्रतीक है –
उन्होंने कहा कि कमल गृहस्थ का प्रतीक है कमल के फूल समान रहना है गदा माना विजय का प्रतीक सर्व बुराइयों को जीत कर विजय पाना कब विष्णु जी ने लड़ाई लड़ी ? तो अभी यह ज्ञान की गदा लिए हुए चलना है। विष्णु जी की चार भुजाओं को जानना है। गृहस्थ में सामंजस्य से रहो। इस मौके पर विशेष रूप से राम नवलानी सिंधी समाज अध्यक्ष, महेश मूलचंदानी, विजय गोपलानी, अर्चना पुरोहित महिला संगठन अध्यक्ष, नीतू यादव नगर पालिका अध्यक्ष , भाभी मां गुरुमाता सिंधी समाज सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। कुमारी जीविका ने शिव स्वागत आज तुम्हारा गीत पर डांस कर शिव का स्वागत किया।कुमारी परी ने सबका मालिक एक पर डांस किया।