नर्मदापुरम / 21 मई को मनाया जाने वाला अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस (International Tea Day 2025) उस गर्म प्याले को समर्पित है जो थकान मिटाता है और दिलों को जोड़ता है। यह दिन न केवल चाय प्रेमियों के लिए खास है, बल्कि उन लाखों किसानों के लिए भी, जिनकी मेहनत से हर दिन यह स्वाद हमारे कप तक पहुँचता है. आइए जानें इस दिवस का उद्देश्य, वैश्विक महत्व और इसकी वैश्विक स्वीकार्यता।
हर दिन की शुरुआत एक गर्म चाय के प्याले से होती है, जो न केवल ताजगी देती है, बल्कि दिन भर की थकान भी मिटा देती है। चाय सिर्फ एक पेय नहीं, बल्कि हमारी भावनाओं, बातचीतों और संस्कारों का हिस्सा बन चुकी है। दुनिया के करोड़ों लोग हर दिन चाय पीते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस प्याले की अहमियत को सम्मान देने के लिए एक खास दिन भी मनाया जाता है? जी हाँ, हर साल 21 मई को अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस (International Tea Day) के रूप में मनाया जाता है।
इस दिन का उद्देश्य है चाय के महत्व को समझाना और उन लाखों किसानों और श्रमिकों की मेहनत को सम्मान देना, जो इसकी खेती और उत्पादन में अपना योगदान देते हैं। यह दिवस हमें याद दिलाता है कि एक कप चाय के पीछे कितनी मेहनत, इतिहास और संस्कृति छिपी होती है।
* *अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस क्या है?*
चाय सिर्फ एक पेय नहीं, एक अनुभव है – सुबह की शुरुआत हो या शाम की थकान, दोस्ती की शुरुआत हो या बातचीत का बहाना, चाय हर मोड़ पर हमारे साथ होती है. दुनिया भर में यह पेय इतना लोकप्रिय है कि इसके सम्मान में हर साल 21 मई को “अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस” (International Tea Day) मनाया जाता है. यह दिन चाय के सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक महत्व को पहचानने और उसे सम्मान देने के लिए समर्पित है।
इस दिन का मुख्य उद्देश्य चाय की खेती, उत्पादन, प्रसंस्करण और व्यापार से जुड़े लाखों श्रमिकों की मेहनत और योगदान को सराहना देना है। साथ ही, यह दिवस उपभोक्ताओं को जागरूक करने का एक माध्यम भी है कि वे टिकाऊ और न्यायसंगत चाय उत्पादन को समर्थन दें।
संयुक्त राष्ट्र (UN) ने इस दिन को 2019 में औपचारिक मान्यता दी, ताकि चाय से जुड़े समुदायों की आजीविका को मजबूत किया जा सके और वैश्विक स्तर पर इसकी भूमिका को समझा जा सके।
*अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस हमें यह सिखाता है कि एक कप चाय में स्वाद, परंपरा और परिश्रम – तीनों की मिठास घुली होती है.*
* *अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस की शुरुआत कब और कैसे हुई?*
चाय का इतिहास जितना पुराना है, उतनी ही दिलचस्प है उसकी वैश्विक यात्रा। चाय पीने की परंपरा सदियों से चली आ रही है, लेकिन चाय से जुड़े किसानों और श्रमिकों की स्थिति पर बहुत कम ध्यान दिया गया। इन्हीं मुद्दों को उजागर करने और चाय उद्योग में कार्यरत लोगों के अधिकारों की रक्षा के उद्देश्य से अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस मनाने की शुरुआत हुई।
पहली बार यह दिवस 15 दिसंबर 2005 को भारत, श्रीलंका, नेपाल और बांग्लादेश जैसे देशों में मनाया गया, जहां चाय की खेती बड़े पैमाने पर होती है। उस समय इसका मुख्य उद्देश्य था चाय श्रमिकों की दुर्दशा पर वैश्विक ध्यान आकर्षित करना और बेहतर व्यापार नीतियों की मांग करना।
बाद में इस विचार को अंतर्राष्ट्रीय मान्यता मिली और संयुक्त राष्ट्र (United Nations) ने 2019 में आधिकारिक तौर पर 21 मई को “International Tea Day” घोषित किया. इस तारीख को इसलिए चुना गया क्योंकि यह चाय की फसल के मौसम की शुरुआत का प्रतीक है, खासकर एशियाई देशों में।
आज यह दिन न सिर्फ एक पेय की लोकप्रियता का उत्सव है, बल्कि एक आंदोलन है – न्याय, टिकाऊ विकास और सम्मान के लिए।
* *विश्व स्तर पर चाय का महत्व*
चाय, जो हर सुबह हमें ताजगी देती है, दुनिया भर में एक सांस्कृतिक कड़ी के रूप में जुड़ी हुई है. चाय का वैश्विक उत्पादन अत्यधिक है और चीन और भारत मिलकर दुनिया की 60% चाय का उत्पादन करते हैं. चीन लगभग 2.5 मिलियन टन चाय का उत्पादन करता है, जबकि भारत लगभग 1.3 मिलियन टन चाय उगाता है।
चाय की खपत भी अत्यधिक बढ़ रही है और विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, दुनिया में हर दिन 3 अरब कप चाय पी जाती है। भारत और ब्रिटेन जैसे देशों में इसकी खपत खासतौर पर अधिक है। भारत में यह पेय दिन-प्रतिदिन की आदत बन चुका है, वहीं ब्रिटेन में afternoon tea की परंपरा सदियों से चलती आ रही है।
चाय का व्यापार $60 बिलियन (2020) के पार हो चुका है, जो लाखों लोगों के जीवन यापन का मुख्य स्रोत है। यह पेय न केवल स्वास्थ्य, बल्कि सामाजिक जुड़ाव और वैश्विक अर्थव्यवस्था का भी एक अभिन्न हिस्सा बन चुका है।
* *भारत और चाय: ऐतिहासिक और आर्थिक संबंध*
भारत और चाय का रिश्ता सिर्फ एक पेय तक सीमित नहीं है, बल्कि यह देश की संस्कृति, परंपरा और अर्थव्यवस्था का अभिन्न हिस्सा बन चुका है. चाय की खेती भारत में 19वीं शताबदी में असम में शुरू हुई थी, और आज यह भारत का एक प्रमुख कृषि उत्पाद है। चाय न केवल भारतीय जीवन शैली का हिस्सा बन चुकी है, बल्कि यह आर्थिक रूप से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह लाखों लोगों की आजीविका का मुख्य स्रोत है। भारतीय चाय उद्योग दुनिया भर में प्रसिद्द है और हर साल इसका वैश्विक निर्यात बढ़ रहा है।
(संकलन – प्रीति चौहान)