ग्वालियर / श्रीमती वन्दना राज पाण्डेय अनन्यतः विशेष न्यायाधीश लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम एवं त्रयोदशम अपर सत्र न्यायाधीश जिला ग्वालियर द्वारा आरोपी विकास जाटव पुत्र ज्ञान सिंह उम्र-22 साल, निवासी ग्राम सैवई थाना-करहिया पूर्व निवासी-कचरा फैक्ट्री के पास सरकारी मल्टी गुढी गुढा का नाका, थाना-कम्पू, जिला ग्वालियर (म.प्र.) को धारा 323, 506 (भाग-दो) भादसं. एवं धारा 3/4(1) पॉक्सो एक्ट में कमशः 01 वर्ष, 02 वर्ष, 10 वर्ष अर्थदण्ड प्रत्येक में 200-200/- रू के अर्थदण्ड से दंडित किया गया। अभियोजन की ओर से पैरवी करने वाले अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी अनिल कुमार मिश्रा ने प्रकरण की घटना के बारे में बताया कि कि पीडित बालक ने दिनांक 27.03.2023 को अभियुक्त के विरूद्ध थाना कम्पू में एक लेखीय आवेदन पेश किया कि वह कक्षा 8वीं में हायर सेकेण्डरी स्कूल में पढता है। उसकी इस्टाग्राम के जरिये अभियुक्त से दोस्ती हो गई थी, वह लोग साथ में मंदिर एवं अन्य स्थानों पर घूमने जाया करते थे तथा अभियुक्त का उसके घर पर भी आना जाना था। दिनांक 26.03.2023 को शाम करीबन 5-6 बजे के बीच अभियुक्त ने उसे फोन करके कहा कि तू उसके घर आजा उसके घर पर कोई नहीं है तो उसने मना कर दिया तो अभियुक्त बोला कि वह घर पर अकेला है उसे अच्छा नहीं लग रहा है तो उसने अभियुक्त से बोला कि तुम उसकी मम्मी से बात कर लो तब विकास ने उसकी मां से बात की और फिर वह अभियुक्त के घर चला गया। जैसे ही वह अभियुक्त के घर पहुंचा तो विकास खाने के लिए पास्ता बनाने लगा और वह टी वी देखते सो गया, जब उसकी नींद खुली तो उसने देखा कि उसके दोनों हाथ पीछे से बंधे हुये थे, तब उसने विकास से बोला कि उसके हाथ खोल दे उसे घर जाना है तो विकास ने उसके पहने हुये कपडे उतार दिये व उसके दोनों पैर भी बांध दिये तो उसने चिल्लाने की कोशिश की तो उसने टी.वी. की आवाज बढ़ा दी और लोहे का सरिया दिखा कर बोला कि अगर तू चिल्लाया तो जान से खत्म कर देगा, जैसा बोल रहा हूं चुपचाप वैसा करता चल, फिर विकास ने जबरदस्ती अप्राकृतिक कृत्य किया और उसने उसके चंगुल से छूटने की कोशिश की तो विकास ने उसके साथ लात घूंसों से मारपीट की और जब वह जोर जोर से रोने लगा, तो विकास ने उसके हाथ पैर खोल दिये तब वह किसी तरह मौका देखकर उसे धक्का देकर वहां से भाग गया और घर जाकर उसके परिजनों को सारी घटना बताई फिर उसने रिपोर्ट लेखबद्ध कर प्रकरण विवेचना में लिया गया। संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। विचारण न्यायालय ने अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी को सजा सुनाई।
प्रकरण में उल्लेखनीय तथ्य यह है कि विचारण न्यायालय द्वारा पीडित बालक को मध्यप्रदेश में लागू पीड़ित प्रतिकर योजना 2015 के प्रावधान अनुसार पीडित बालक को कारित शारीरिक और मानसिक क्षति तथा पुनर्वास के लिए एक लाख रूपये प्रतिकर दिलाये जाने की सिफारिश जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ग्वालियर को की जाती है।
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