नर्मदापुरम / पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष एवं अध्यक्ष नर्मदा शिक्षा समिति नर्मदापुरम भवानी शंकर शर्मा ने आज प्रेस वार्ता कर बताया कि विगत दिनों नर्मदा शिक्षा समिति एवं सेठ नन्हेँलाल घासीराम हायर सेकेंन्ड्री स्कूल की भूमि के बारे में विधान सभा में प्रश्न पूछा गया। आश्चर्य इस बात का है बिलकुल ऐसा ही प्रश्न करीब 23 वर्ष पूर्व नर्मदापुरम के कांग्रे स विधायक द्वारा पूछा गया था। फर्क केवल इतना है कि अबकी बार सोहागपुर के भा.ज.पा विधायक द्वारा नर्मदापुरम की नर्मदा शिक्षा समिति एवं एस.एन.जी स्कूल के बारे में न जाने किस खुन्नस के कारण या आतंकित करने हेतु प्रश्न पूछा गया। उनके द्वारा पूछे गये प्रश्न के जबाब में शासन ने यह स्पष्ट कहा कि कहीं कोई अनियमितता एवं गड़बड़ी नहीं है। एस.एन.जी स्कूल की भूमि स्कूल के ही पास है। अपितु नर्मदा शिक्षा समिति की भूमि पर एस.एन.जी स्कूल है।
वस्तुस्थिति यह है कि करीब 60 वर्ष से भी पहले प्रश्नगत भूमि शासन द्वारा नर्मदा शिक्षा समिति को शिक्षा संस्थाओं के लिये दी गई थी। वर्तमान में उक्त भूमि के अधिकांश भाग पर शासकीय एस.एन.जी स्कूल का संचालन हो रहा है। वर्ष 1972 में कांग्रेस शासन द्वारा राजनैतिक द्वेष के कारण एस.एन.जी स्कूल एवं नर्मदा महाविद्यालय बलात शासनाधीन कर लिये गये थे जिसके विरूद्ध समिति द्वारा हाई कोर्ट में केस दायर किया गया था जो आज भी विचाराधीन है। जहां तक विधानसभा प्रश्न की बात है तो न जाने क्यों सत्य, ईमानदारी, चरित्र एवं नैतिकता से चलने के बावजूद जो हम से द्वेष, ईर्ष्या, एवं दुश्मनी का भाव रखते है उनके कहने से सोहागपुर के विनम्र विधायक ने हमारे विरूद्ध विधान सभा में प्रश्न लगया। हमारी एक गलती तो है कि हम व हमारा परिवार क्षेत्र में अवैध कार्य जैसे सट्टा, जुआ, रेत चोरी, अवैध शराब एवं गुडांगर्दी का घोर विरोधी है। इसी कारण कम से कम नर्मदापुरम में राजनैतिक रूप से ताकतवर नेताओं द्वारा प्रश्रय देने के बावजूद गुंडागर्दी एवं अन्य अनैतिक कार्य अन्य शहरों से कम है। यह स्पष्ट दिख रहा है कि हमारे शहर को समाज विरोधी बाहूबली अपने कब्जे में लेना चाहते है, इसके लिये ईमानदार, नैतिक, समाजसेवी एवं गुंडागर्दी के विरोधी, नेताओं एवं नागारिकों को दबाने के लिये झूठी शिकायतें, पेपरबाजी, अधिकारियों से झूठी शिकायत, चरित्र हनन आदि के साथ विधान सभा में प्रश्न आदि लगवातें है।
अत्यंत अफसोस जनक स्थिति है कि जो लोग रेत चोरी, जुआ सट्टा, अवैध शराब के करोबार में लिप्त है। अड़ीबाजी, गुंडागर्दी, ब्लेकमेंलिंग करते है, तथा अपने अनैतिक करोबार को बचाने के लिये, इनका विरोध करने वाले जनप्रतिनिधि एवं उनके परिजनो पर ये लोग विधानसभा में प्रश्न लगवाते है। विजयपाल जी एवं उनके परिवार से हमारे स्नेहिल संबंध है उनके द्वारा निहायत झूठा, गलत एवं तथ्यों से परे विधानसभा प्रश्न क्यों लगाया गया यह रहस्य ही है। वैसे चाहे राजनेता हो, बड़े पद पर हो या कारोबारी हो सभी में अंसरव्य गड्ढे ही गड्ढे है। एक कहावत है कि जिसके घर शीशे के हों वह फौलाद के घर पर पत्थर नहीं फेकता है।
वैसे विज्ञयागल जी बहुत भले व्यक्ति है, नगरपालिका में उपाध्यक्ष रहते पाठ्यपुस्तक निगम के अध्यक्ष एवं अनेक बार से सोहागपुर विधायक के कार्यकाल के दौरान नगर एवं क्षेत्र में सभी उनके आचरण, क्रियाकलाप चरित्र एवं ईमानदारी से परिचित है ही। हम लोगों से भी उनके अच्छे संबंध रहें है फिर भी वे गंदे लोगों के बहकावे में हमारे परिवार के विरूद्ध निरंतर द्वेषपूर्ण अभियान चला रहे है, जैसे झूठे मुकदमें लगाना, झूठी शिकायतें करना, हमारे विरोधी गुंडो का साथ देना तथा विधानसभा मे प्रश्न लगाना आदि है। यदि उन्हें कोई बात अनुचित भी लगी हो तो वे चर्चा कर सकते थे।