नर्मदापुरम / भारतीय जनता युवा मोर्चा नर्मदापुरम द्वारा शनिवार को गृह विज्ञान महाविद्यालय के सभागार में मॉक पार्लियामेंट (युवा सांसद) का आयोजन किया गया। भाजयुमो जिलाध्यक्ष दीपक महालहा ने बताया कि आपातकाल के काले अध्याय के 50 वर्ष पूर्ण होने पर संभाग स्तरीय मॉक पार्लियामेंट का आयोजन किया जिसमें युवाओं ने आपातकाल को लेकर संसद की भांति पक्ष और विपक्ष की भूमिका निभाकर इस विशेष सत्र में चर्चा की। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य 1975 के आपातकाल की वास्तविकता को युवाओं के सामने रखना था। साथ ही उन्हें भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों और संसदीय प्रक्रिया से अवगत कराना भी कराना था। इस मॉक पार्लियामेंट में बैतूल , हरदा, नर्मदापुरम के युवा प्रतिभागी ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम में भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष वैभव पवार विशेष रूप से उपस्थित रहे। वहीं भाजपा जिला अध्यक्ष प्रीति शुक्ला, लोकसभा सांसद दर्शन सिंह चौधरी, राज्यसभा सांसद माया नारोलिया, भाजपा पूर्व जिलाध्यक्ष माधवदास अग्रवाल, जिला सहकारी बैंक पूर्व अध्यक्ष भरतसिंह राजपूत, नपाध्यक्ष नीतू यादव, भाजपा झुझोप्र प्रदेश संयोजक अखिलेश खंडेलवाल, भाजयुमो प्रदेश मंत्री प्रांशु राने, प्रदेश उपाध्यक्ष विश्वेंद्र मंडलोई, रंजीत चौहान, सोशल मीडिया प्रभारी अंकित आर्य उपस्थित रहे। कार्यक्रम में उद्धघाटन सत्र की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ हुई। भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष वैभव पवार ने कहा कि आपातकाल भारतीय लोकतंत्र का काला अध्याय है। युवाओं को इस सच से अवगत होना जरूरी है जिससे कि लोकतंत्र की रक्षा के प्रति वह सजग रहेंगे। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह अब संविधान की नकली किताबें लेकर देश को गुमराह कर रही। असल में संविधान की हत्या तो कांग्रेस ने की थी। इस अवसर पर भाजयुमो प्रभारी लोकेश तिवारी, भाजपा मंडल अध्यक्ष रूपेश राजपूत, भाजयुमो बैतूल जिलाध्यक्ष भास्कर मगरदे, भाजयुमो के धर्मेंद्र राठौड़, गुलाब बैंकर, नीरज तिवारी, गौरव नायक, विमल साहू, मुकेश राठौड़, वीरू पटवा, रहमान खान, ऋषभ शुक्ला, निहाल राजपूत,अमन चुटीले, निखिल चौरे सहित अन्य भाजयुमो कार्यकर्ता उपस्थित थे।
*युवा संसद में इन्होंने निभाई पक्ष-विपक्ष की भूमिका*
आपातकाल पर विशेष सत्र बुलाने भाजयुमो ने मॉक पार्लियामेंट (युवा सांसद) का आयोजन किया जिसमें बड़ी संख्या में युवाओं ने सहभागिता की जिसमें पक्ष और विपक्ष की भूमिका में युवाओं ने जमकर एक दूसरे से सवाल जवाब किए। सत्ता पक्ष की ओर से प्रधानमंत्री की भूमिका मनीष परदेशी ने निभाई वहीं विशाल दीवान नेता प्रतिपक्ष की भूमिका में नजर आए। लोकसभा अध्यक्ष की भूमिका दीपक महालहा ने निभाई। उन्होंने अपनी सूझबूझ से पार्लियामेंट हाउस चलाया। आपातकाल को लेकर आयोजित हुए इस विशेष सत्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच करीब चार घंटे तक सदन में बहस चलती रही। सबसे पहले प्रधानमंत्री बने मनीष परदेशी ने 25 जून 1975 में तत्कालीन इंदिरा गांधी द्वारा लगाई गई इमरजेंसी पर सदन में भाषण दिया। मॉक पार्लियामेंट में उपनेता विपक्ष देवा रूसिया, सुंदरम अग्रवाल गृहमंत्री, कृतिक शिवहरे रक्षामंत्री, आशुतोष शर्मा सड़क एवं परिवहन मंत्री, अक्षत तिवारी सूचना एवं प्रसारण मंत्री, विकल बाथरे उद्योग मंत्री , ऋषि मालवीय संचार मंत्री, पायल पटेल वित्त मंत्री , इशिका मालवी विदेश मंत्री, कृति दुबे महिला एवं बाल विकास मंत्री, श्रद्धा रजक नागरिक उड्डयन मंत्री, राजकुमार धुर्वे शिक्षा मंत्री, हर्ष सराठे राज्य मंत्री विधि एवं न्याय, कन्हैया सोनी राज्य मंत्री आयुष विभाग, पलाश दुबे पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री, आशुतोष दुबे खाद प्रसंस्करण मंत्री, सागर यादव राज्यमंत्री कौशल विकास रहे। विपक्षी पार्टी सांसद के रूप में श्रेया श्रीवास्तव, मयंक वाधवानी, माधव दुबे, अक्षत दुबे, दिव्यांश मंसूरिया, सत्ता पक्ष के सांसद के रूप में अरूनिमा चौकसे, जाह्नवी आहूजा, आदित्य चचाने, लक्ष्य मालवीय, आशीष उईके ने भूमिका निभाई।