इटारसी / मध्यप्रदेश में स्कूलों में मशीनीकरण से भोजन तैयार करने की योजना के खिलाफ स्व सहायता समूहों और रसोइया बहनों ने मोर्चा खोल दिया है। प्रदेश सरकार की इस योजना को गरीब महिलाओं की रोज़ी-रोटी पर हमला बताते हुए प्रांतीय महिला स्व सहायता समूह महासंघ की प्रदेश अध्यक्ष सरिता ओमप्रकाश सिंह बघेल ने 15 जुलाई को पूरे प्रदेश में 1 दिवसीय “चूल्हा बंद हड़ताल” की घोषणा की है। प्रदेश अध्यक्ष ने आदेश जारी कर स्पष्ट किया कि “हम मासूम बच्चों को मशीनीकृत भोजन नहीं खाने देंगे और ना ही प्रदेश की लाखों गरीब महिलाओं से उनका रोजगार छीनने देंगे। शासन धीरे-धीरे योजनाओं के माध्यम से स्व सहायता समूहों को समाप्त करने की साजिश कर रहा है, जिसे हम हरगिज़ सफल नहीं होने देंगे।”
*रोजगार पर संकट, विरोध की आग सुलगी*
प्रदेश भर में हजारों स्व सहायता समूह वर्षों से मध्यान्ह भोजन योजना का संचालन कर रहे हैं, जिससे लाखों महिलाओं को रोजगार मिला हुआ है। अब शासन द्वारा केन्द्रीयकृत मशीनीकृत किचन की योजना लाकर इन समूहों को हटाने का प्रयास किया जा रहा है। सरिता ओमप्रकाश सिंह बघेल ने चेतावनी दी कि यदि एक भी स्व सहायता समूह को हटाया गया, तो पूरे प्रदेश की महिलाएं एकजुट होकर व्यापक आंदोलन के रास्ते पर चलेंगी।
*”अब और मनमानी नहीं सहेंगे”*
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि शासन और प्रशासन लगातार समूहों की अनदेखी कर रहा है। महिलाएं मेहनत से काम करती हैं, लेकिन उन्हें स्थायित्व नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह समय अब परमानेंट करने की दिशा में निर्णय लेने का है, न कि समूहों को हटाने का। “अगर शासन ने अपनी नीति नहीं बदली तो हम मजबूर होकर सड़कों पर उतरेंगे। यह सिर्फ रसोई का नहीं, हमारी अस्मिता, स्वाभिमान और अस्तित्व का सवाल है।”
*15 जुलाई को एकजुटता का प्रदर्शन*
15 जुलाई को पूरे मध्यप्रदेश में सभी स्व सहायता समूहों द्वारा चूल्हा बंद हड़ताल की जाएगी। रसोइया बहनें अपने-अपने जिलों में ज्ञापन सौंपेंगी और सरकार को चेतावनी देंगी कि यदि जल्द ही सकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया तो यह आंदोलन स्थायी और व्यापक रूप ले सकता है।