नर्मदापुरम /प्रदीप गुप्ता /सड़क परिवहन सेवा निवृत्तकर्मचारी संघर्ष समिति के द्वारा तहसीलदार शैलेंद्र बड़ोनिया को प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सोपा गया। संरक्षक अरुण दीक्षित ने बताया कि तत्कालीन मुख्यमंत्री स्वर्गीय मोतीलाल बोरा द्वारा यूनियन के साथ लिखित समझौता कर यह अश्वत किया था कि जो मध्य प्रदेश कर्मचारियों को जो वेतन लाभ अथवा अन्य सुविधाएं दी जाएगी, वह मध्य प्रदेश सड़क परिवहन निगम पर भी लागू होगी। लेकिन उक्त समझौता राजनीति की भेंट चढ़ गया एवं चौथे वेतन आयोग का लाभ देकर सन 2005 में सड़क परिवहन निगम समाप्ति की घोषणा कर दी गई। मात्र ₹800 से ₹2000 रुपए पेंशन कर्मचारियों की निर्धारित कर दी गई। वहीं मध्य प्रदेश सेवानिवृत्ति कर्मचारी 30,000 से 50 हजार रूपये पेंशन पा रहे हैं। सड़क परिवहनकर्मचारियों को इतनी कम पेंशन देकर सरकार उनके परिवार को संतुष्ट करने का दायित्व निभा रही है। जबकि इपीएफ में करोड़ों रुपया जमा है। श्री दीक्षित ने प्रदेश सरकार से अनुरोध किया है कि परिवहन निगम सेवा निवृत कर्मचारियों की न्यूनतम पेंशन ₹7,500 के साथ महंगाई भत्ता सुनिश्चित करें। इसके साथ ही आयुष्मान योजना का लाभ दिया जाए। दीक्षित ने बताया कि हमें बड़े दुख के साथ अवगत कराना पड़ रहा है कि लगभग 25 कर्मचारी स्वर्गवास हो गए हैं। उनके पीड़ित परिवार आज भी आर्थिक दंश झेल रहे हैं। धरना प्रदर्शन में पूर्व डिपो प्रबंधक राज सिंह चौधरी, प्रकाश शिवहरे, दिनेश मालवीय, हरि रावत, जगदीश पुरवइया, हरिशंकर परमार, महेश साहू, नरेश गौतम, सलीम कुरैशी, राम अवतार तिवारी, रामकृष्ण पाटिल, गणपत सिंह निमोदा , शैलेंद्र सिंह राजपूत, एस विसरिया, शिव दर्शन उज्जैनिया , प्रेमनाथ कुशवाहा सहित संख्या में कर्मचारी उपस्थित हुए।