भोपाल : नवोदय प्रवेश परीक्षा एवं अन्य प्रतियोगिता परीक्षाओं में सफल सभी विद्यार्थियों, उनके परिजनों, गुरुओं एवं सहयोगियों को आलोक संघ और छू लो आसमान किसने रोका है की टीम ने बधाई दी हैं । आलोक संघ और छू लो आसमान किसने रोका है की टीम के प्रमुख लोकेश लिल्हारे ने बताया कि सकारात्मक सामाजिक सहयोग से नवोदय एवं प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी हेतु संचालित नि:शुल्क कक्षाओं के रिजल्ट आने लगे हैं। परंतु सामाजिक सशक्तीकरण के इस मिशन को अपेक्षाओं तक पहुँचने में अभी समय लगेगा। इसके लिए हमें और अधिक समर्पित भाव से कार्य करना होगा। ऐसे बड़े शहरों में, जहां कोचिंग की अच्छी सुविधा हो, लड़कों के साथ-साथ लड़कियों के लिए भी होस्टल की व्यवस्था करनी होगी। इसके लिए हम प्रयासरत है। साथ ही, भोपाल व इंदौर में सफल रूप से संचालित हॉस्टल मुहिम को दिल्ली व कोटा एवं देश के अन्य शहरों में शुरू करने का लक्ष्य भी निर्धारित है।
आगे उन्होंने कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओ के लिए प्रतिभाशाली बच्चों को प्रेरित करने हेतु टैलेंट सर्च एंड हेल्प प्रोग्राम के तहत क्षेत्रीय स्तर की परीक्षाओं के सकारात्मक परिणाम देखते हुए अखिल भारतीय स्तर पर परीक्षा का आयोजन भी प्रारंभ हो चुका है। इस योजना के तहत – जो स्टूडेंट्स योग्य है उन्हें कोचिंग क्लास में निःशुल्क अथवा कम से कम फीस पर अच्छे कोचिंग संस्थानों में एडमिशन कराना हमारा उद्देश्य है, ताकि वे अपने सपनों की उड़ान भर सकें।
उन्होंने अपील कि हैं कि अपने बच्चों को इस प्रकार की परीक्षाओं में शामिल होने के लिए प्रेरित करें।
प्रतिभा सम्मान एवं कैरियर मार्गदर्शन कार्यक्रमों ने बच्चों में एक नई ऊर्जा का संचार किया है । जबलपुर तथा पिछले कार्यक्रमों में बच्चों एवं अभिभावकों की उपस्थिति एवं उनके विचार इस बात सिद्ध करते हैं।
हमारी योजना के अनुसार, अब कार्य सही रूप में आकार लेते हुए दिखने लगे है जो भाविष्य में हर घर तक पहुंच को ज़रूर चरितार्थ करेगी।
योजना के अनुसार :
👉पाँचवी के लिए नवोदय परीक्षा
👉आठवीं के लिए NMMS परीक्षा
👉आठवीं से बारहवी तक के बच्चों के लिए प्रतिभा चयन परीक्षा
👉बारहवी के बाद के बच्चों के लिए टैलेंट सर्च एंड हेल्प प्रोग्राम
👉साक्षात्कार कार्यक्रम – हॉस्टल योजना
👉सम्मान एवं मार्गदर्शन कार्यक्रम
👉पुस्तकालय / मार्गदर्शन योजना आदि
के माध्यम से अब बच्चों की बुनियाद को सशक्त बनाने के साथ ही उनके सपनों को पूरा करने तक की पहल आलोक संघ एवं छू लो आसमान किसने रोका है के माध्यम से की जा रही है। समाज में अन्य संगठन भी इस दिशा में अच्छा कार्य कर रहे है जो सराहनीय है। समाज में आलोचना से विचलित हुए बिना अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा समाजहित के कार्य करना समाज के लिए आशावादी ,सकारात्मक एवं रचनात्मक कदम है।
उन्होंने कहा कि मैं सभी सामाजिक एवं सहयोगी संगठनों से अपील करता हूँ कि हम सब के कार्य एवं उद्देश्य अंततोगत्वा एक ही हैं। मैं आलोक के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामदास से भी उम्मीद करता हूँ कि वे एक मंच की दिशा में सकारात्मक पहल करेंगे ।
आइये! शिक्षा के इस अभियान में मिलकर कार्य करें और निस्वार्थ भाव से आलोक संघ और छू लो आसमान किसने रोका है के इस शिक्षा अभियान से जुड़ें और इन पंक्तियों को सार्थक सिद्ध करें:-
लौ से लौ को जोड़कर, लौ को बना मशाल।
क्या होता है देख फिर, अंधियारों का हाल।।