ग्राम बड़ोदिया कला में कथा वाचक जी ने में बताया कि
समस्त जगत प्राणियों में ईश्वर का स्वरूप मानना चाहिए वही उत्तम भक्ति है
नर्मदापुरम/कन्हैया लाल वर्मा/ भगवान श्रीरामलला जी की अयोध्या में हो रही प्राणप्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में ग्राम बड़ोदिया कला में
श्रीमद्भागवत कथा का तीसरा दिवस की वेला में ग्राम व आसपास के ग्रामो से आए भक्तजनो ने व्यास पूजन के बाद
महाराज जी ने *(कपिल गीता) कपिल उपाख्यान कहते हुए बताया कि समस्त जगत प्राणियों में ईश्वर का स्वरूप मानना चाहिए
वही उत्तम भक्ति है’!
ओर:-ध्रुव चरित्र अंतर्गत महारज श्री ने बताया कि की प्रभु को प्राप्त करने की कोई उम्र नही होती है बचपन मे भी प्रभु का साक्षतकार होसकता है
कथा श्रवण करने ग्राम के अलावा आसपास के ग्रामो से भी भक्तगण पधारे ओर कथा सुनी गई
वेमोसम बारिश के कारण पंडाल गीला हो गया था फिर भी भूसा आदि डाल कर बैठक व्यवस्था बनाई गई
निवेदन कर्ता समस्त ग्रामवासी बड़ोदिया कला