नर्मदापुरम / संस्कृत से ही हमारी संस्कृति और संस्कार हैं। संस्कृत का अभ्यास छूटने के बाद ही हमारी संस्कृति और संस्कार के पतन होना प्रारंभ हुआ है। यह बात शिक्षाविद और साहित्यकार संतोष व्यास ने शुक्रवार को समेरिटंस इंग्लिश मीडियम स्कूल सांदीपनी परिसर मालाखेड़ी में आयोजित संस्कृत सप्ताह के शुभारंभ के अवसर पर कही। उन्होंने कहा कि संस्कृत विश्व की समस्त भाषाओं की जननी है। विश्व का पहला ज्ञान संस्कृत भाषा में ही लिपिबद्ध किया गया। संस्कृत सीखने के बाद आप दुनिया की कोई भी भाषा आसानी से सीख सकते हैं। संस्कृत का व्याकरण सबसे सटीक है और संस्कृत का शब्दकोष विश्व की किसी भी भाषा से अधिक समृद्ध है। हमें जीवन में संस्कृत को अपनाना चाहिए। संस्कृत से ही हमारा प्राचीन गौरव और संस्कृति का उत्थान हो सकता है। उन्होंने कहा कि विदेशी आक्रांताओं ने हमारी संस्कृति को नष्ट करने के लिए हमारी वैचारिक शक्ति यानी संस्कृत को नष्ट किया।
*संस्कृत जागरूकता रैली आयोजित*
विद्यालय में संस्कृत सप्ताह के दौरान शनिवार को रैली का भी आयोजन किया गया। इस रैली के समापन अवसर पर प्राचार्य श्रीमती प्रेरणा रावत ने बच्चों को संस्कृत के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि संस्कृत से ही हमें संस्कार मिलते हैं और यही हमारी संस्कृति का भी आधार है। हमें जीवन में संस्कृत को अपनाना चाहिए। रैली में शामिल बच्चे अपने हाथों में संस्कृत की सूक्तियां और सुविचार लिखी हुई तख्तियां लेकर चल रहे थे। जबकि रैली में जयतु संस्कृतम्- वदतु संस्कृतम्, मातृभूमि भारतम्-मातृभाषा संस्कृतम् जैसे नारे लगाते हुए चल रहे थे। रैली में प्रभारी लीना देवासकर, विक्रांत खम्परिया, सचिन खम्परिया, राजेश व्यास, सचिन वर्मा, मनीषा गौर, अरविंद तोमर आदि उपस्थित रहे। आगामी 20 अगस्त को श्लोक गायन प्रतियोगिता होगी। 21 अगस्त को संस्कृत विद्वान का व्याख्यान होगा।