सुसनेर / मध्यप्रदेश मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित गो रक्षा वर्ष के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 145 वे दिवस पर श्रोताओं को सम्बोधित करते हुए स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज ने बताया कि गोमाता को चराने के लिए साथ में कोई जाता है तब वह निर्भीक होकर चारा चरती है, अकेली गोमाता ठीक से नहीं चरती है। सत्यकाम का पुत्र जकाम गोमाता को चराते चराते ब्रह्मज्ञानी हो गया था। गोमाता चरते चरते यदि संतुष्ट हो गई तो सबसे पहले चराने वाले की सात्विक मनोकामना पूर्ण करती है। बड़ी बड़ी गाड़ी, बंगला, बैंक बैलेंस, पद, प्रतिष्ठा, मान -सम्मान यह सब मानव जीवन की सफलता के माप दंड नहीं है। इन भोतिक आँखों से भगवान के दर्शन हो तो समझे मानव जीवन सफल हो गया । गोमाता की सेवा से भगवत दर्शन का मार्ग सुलभ हो जाता है। निष्काम भाव से गोसेवा करने से संसार में आने जाने का झंझट ख़त्म हो जाता है यानि मोक्ष की प्राप्ति होती है। शिव महापुराण में भगवान शिव को बहुत बड़ा गोभक्त बताया गया है। मध्यप्रदेश में शिव पुराण की खूब कथाये होती है। सभी कहते है शिव लिंग पर जल चढाओ, बेलपत्र चढाओ और भी कई अन्य उपाय बताते है लेकिन कोई भी कथा वाचक यह क्यों नहीं बताते की शिव जी की कृपा तभी होगी जब आप अपने हाथ से गोसेवा करेंगें । भगवान शिव खुद बहुत बड़े गोसेवक है तो उनके भक्तो को पहले गोसेवा करनी चाहिए फिर पूजा करनी चाहिए, तभी शिव जी की पूर्ण कृपा होगी। स्वामीजी ने बताया कि गरुड़ पुराण में लिखा है जो व्यक्ति गोमाता को प्रेम पूर्वक चारा जिमाते है उनके सभी पाप नष्ट हो जाते है। आप कही जा रहे है और गोमाता बछड़े को दूध पिला रही हो तो वह शुभ शगुन होता है। गो की शरण लेने के बाद अकाल मृत्यु नहीं आ सकती है । जिन्दगी के हर मोड़ पर हँसते मुस्कुराते रहना चाहिए । कैसी भी मुसीबत आ जाये , कैसा भी संकट आ जाये मुस्कुराते रहो। आंसू तो सिर्फ प्रभु के चरणों में आने चाहिए। मुस्कुराने की कला सिर्फ मनुष्य के पास है, इसलिए मानव हो तो मुस्कुराते रहो। महाराज जी ने बताया कि गोमाता सडको पर नहीं घुमे इसके लिए सरकार एवं प्रशासन को कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है अर्थात जिस जिस ने भी अपना गोवंश घर से बाहर छोड़ा है उस उस परिवार को सरकार की और से दी जाने वाली सारी सुविधाएं बन्द कर देना चाहिए और जो गोसेवा करें उसे विशेष रूप से प्रोत्साहित करना चाहिए ताकि लोग अपने घरों में गोसेवा करने लग जाएं और सड़कों पर निराश्रित गोवंश नहीं घूमे । 145 वें दिवस पर गोविन्द सिंह बरखेड़ी,पूर्व जिलाध्यक्ष भाजपा आगर एवं प्रदेश कार्यसमिति सदस्य , सज्जन सिंह भाजपा मण्डल अध्यक्ष सुसनेर, मदन सिंह स्वराज ट्रैक्टर एजेन्सी सुसनेर, मानसिंह पिपलिया नानकर, प्रेमनारायण सोलंकी, दिनेश कुमार जामलिया (पूर्व प्रचारक) मोहना शाजापुर,श्रीमती विजय लक्ष्मी ,जिला पंचायत सदस्य आगर , रघुनाथ सिंह, प्रधान सिंह एवं अशोक कुमार सोमानी सोयत, कपिल भराड़िया भवानीमण्डी व झालावाड जिले के रायपुर पुलिस थाना के हैड कांस्टेबल लक्ष्मीकांत एवं कांस्टेबल अशोक कुमार अतिथि उपस्थित रहें। भाद्रपद कृष्ण पक्ष त्रयोदशी के शुभ अवसर पर गो पूजन शिवसहस्त्राहुति यज्ञ, पार्थिव शिव लिंग पूजन एवं रुद्राभिषेक एकादश विप्रजनों द्वारा सम्पन्न हुआ।
*145 वे दिवस पर चुनरी यात्रा राजस्थान के एवं मध्यप्रदेश से*
एक वर्षीय गोकृपा कथा के 145 वें दिवस पर चुनरी यात्रा राजस्थान के झालावाड़ जिले की पचपहाड़ तहसील के चौहानों का खेड़ा से अर्जुन सिंह, चैन सिंह, श्याम सिंह, गुमान सिंह, भाऊ सिंह, गोविन्द सिंह,बने सिंह, धीरप सिंह एवं श्याम सिंह, मध्यप्रदेश के नीमच जिले की जावद तहसील के बराड़ा ग्राम से मांगी लाल,रामलाल माली एवं आगर जिले की सुसनेर तहसील के ग्राम परसुलिया की महिला मंडल सहित सैंकडों मातृशक्ति, युवाओ ने अपने देश, राज्य एवं ग्राम के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।