नर्मदापुरम / भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में काले अध्याय के रूप में दर्ज आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर बुधवार को भाजपा कार्यालय में कार्यक्रम आयोजित किया गया। भारत के इतिहास में आज से पचास वर्ष पूर्व 25 जून 1975 को देश की तत्कालीन कांग्रेस की प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने देश की लोकतंत्र का जिस तरीके से आधी रात को दमन किया था वह भारत की धरती में अंग्रेजों के देश में 180 वर्ष राज करने के बाद दूसरी बार भारत को गुलामी और दमन की दूसरी तस्वीर के रूप में दर्शाता है। यह बात नर्मदापुरम भाजपा कार्यालय में आज मीसाबंदियों के सम्मान सम्मेलन में केन्द्र सरकार में जनजातीय राज्यमंत्री डी.डी. उईके ने संबोधित करते हुए कहा कि लोकतंत्र को मजबूत रखने के लिए मीसाबंदियों ने जहां अपने परिवार की कुर्बानियों के साथ लोकतंत्र को मजबूत रखा। वहीं देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस काले अध्याय को पूरे विश्व सहित देश की तत्कालीन कांग्रेस द्वारा लगाए गए आपातकाल को काले अध्याय के रूप में मनाने का जो संकल्प दिया। वह आज देश के हर गांव से देश के हर शहरों व महानगरों में कांग्रेस के दमनरूपी निर्णय को उजागर कर रहा है। जिससे भविष्य में इस देश में आने वाली देशविरोधी सरकार इस प्रकार के किसी भी लोकतंत्र की हत्या करने वाले अध्याय की पुनरावृत्ति करने का साहस न कर सके। कार्यक्रम में आपातकाल की लगाई गई प्रदर्शनी का भी केन्द्रीय मंत्री डीडी उइके ने फीता काटकर उद्घाटन किया। कार्यक्रम में संतोष शर्मा ने अपने अनुभव कथन में कहा कि आपातकाल के दौरान मेरी उम्र 14 वर्ष थी, पुलिस आई और हाथ में हथकड़ी लगाकर गिरफ्तार कर ले गई जेल में मेरे साथ शंभू सोनकिया भी थे। हमारे साथ खूंखार अपराधी जैसा बर्ताव किया गया। कड़ाके की ठण्ड पड़ी और हमारे कपड़े उतरवा दिये गये। हमारे साथ 2 कैदी बंद थे। नवंबर का महिना था। ठण्ड से बचाव के लिये कंबल तक नही दिया। हम लोगों ने भी हार नहीं मानी पूरी रात भर दण्ड बैठक और सूर्य नमस्कार करते रहे। हमें अगले 2 दिनों तक खाना नहीं मिला। इसी के साथ दिलीप शर्मा एवं रामआश्रय बाजपेयी, शिव चौबे ने भी अपने अनुभव साझा किये।भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में काले अध्याय के रूप में दर्ज आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर बुधवार को भाजपा कार्यालय में लोकतंत्र सेनानी संतोष शर्मा, दिलीप शर्मा, रामआसरे वाजपेयी, शम्भू सोनकिया, सुरेश राने, अनंतराम साहू, वीरेन्द्र द्विवेदी, प्रशांत गोलवलकर का सम्मान किया गया। इस अवसर पर केंद्रित मंत्री डीडी उइके, जिला अध्यक्ष प्रीति शुक्ला, डॉ. सीतासरन शर्मा, माधवदास अग्रवाल, प्रसन्ना हर्णे, मुकेश चंद्र मैना मंचासीन रहे। कार्यक्रम में जिला पदाधिकारी मंडल अध्यक्ष, पूर्व विधायक, पूर्व जिला अध्यक्ष, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य, मोर्चा के जिला अध्यक्ष प्रकोष्ठ के जिला पदाधिकारी सहित जनप्रतिनिधि गण उपस्थित थे। जिला मीडिया प्रभारी अमित माहाला ने बताया कि केन्द्रीय मंत्री के व्दारा एक पेड़ माँ के नाम पौधारोपण किया गया।
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