टीकमगढ़। शहर के हृदय स्थल 1008 दिगंबर जैन आदिनाथ नया मंदिर में दिनांक 8.11 .24 से 16.11.24 तक सिद्ध चक्र महामंडल विधान चल रहा है। अखिल भारतीय जैन युवा फेडरेशन के पूर्व अध्यक्ष नरेंद्र जैन जनता ने प्रेस को व्हाट्सएप के माध्यम से प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए बताया कि प्रातः ठीक 07 बजे से विनय पाठ के साथ श्री जी का अभिषेक , शांति धारा हुई है । फिर विधान प्रारंभ हुआ प्रातः 9.30 बजे पर माता जी के प्रवचन का लाभ मिला 105 प्रसन्न मति माताजी ने कहा की धर्म का प्रभाव जीवन पर पड़ता है उन्होंने पानी का उदाहरण देते हुए बताया की पानी नाली में जाता है तो गंदा हो जाता है शरीर में जाता है तो पसीना बन जाता है एवं भगवान के श्रीचरणों में जाए तो गंदोधक तक बन जाता है। इसी प्रकार मानव जीवन भी, जिसने धर्म में लगा लिया वह धर्मात्मा बन जाता है और इसी धर्म से रत्नत्रय की प्राप्ति होती है विद्वान संजू शास्त्री ने कहा आप अपने दुख से दुखी नहीं है आप दूसरों के सुख से दुखी हैं और अंत में 105 कीर्तिमति माताजी ने प्रवचन में कहा आप सभी सिद्धों की आराधना कर रहे हैं और आराधना करते-करते आप सिद्ध शिला पर विराजमान होंगे टीकमगढ़ नगरी धर्मात्माओं की नगरी है सिद्ध भगवान की आराधना जहां होती है वह नगर सिद्ध क्षेत्र बन जाता है ।इस मौके पर सैकड़ो की संख्या में लोग मौजूद रहे जिसमें प्रमुख रूप से विद्वान पंडित सुरेश पिपरा, मयंक शास्त्री,प्रदीप कारी, नरेंद्र जैन जनता, संजय जैन बंदैया, निर्मल मस्तापुर, सार्थक जैन ,ज्ञानचंद जैन, विनोद जैन, वैभव जैन,विकास जैन, संजय जैन, इंद्रजीत जैन ,दीपू जैन ,खन्ने जैन, शैलेंद्र जैन ,अरुण जलावली आदि भारी संख्या में जैन धर्मी सम्मिलित हुए और धर्म-लाभ अर्जित किया।