टीकमगढ़। पुलिस अधीक्षक मनोहर सिंह मंडलोई द्वारा जिले में साइबर अपराधों से बचाव हेतु साइबर सेल के माध्यम से एडवाइजरी जारी कर लोगों को जागरूक करने का कार्य किया जा रहा है इसी तारतम्य में वर्तमान में दक्षिण-पूर्व एशियाई क्षेत्र में आकर्षक नौकरियों के नाम पर भारतीय प्रवासी अब एक नए तरह के जाल में फंस रहे हैं, जहाँ भारतीयों को उच्च वेतन वाली नौकरियों का भ्रामक वादा करके साइबर गुलामी करवाई जा रही है। साइबर गुलामी शोषण का एक आधुनिक रूप है, जिसमें व्यक्तियों को अवैध रूप से बंधक बनाकर साइबर धोखाधड़ी करने के लिए मजबूर किया जाता है अतः इस प्रकार के साइबर अपराधों से बचाव हेतु एडवाइजरी जारी की जा रही है जिसमें आमजन को साइबर अपराधों से बचाव हेतु जागरूक किया जा सके । —–कार्यप्रणाली—-वर्तमान में विदेश में नौकरी और अधिक रुपये कमाने की चाहत रखने वाले युवाओं पर इंटरनैशनल साइबर फ्रॉड माफिया की नजर है। युवाओं के CV-Curriculum vitae जॉब साइट्स और सोशल मीडिया पर अपलोड करते ही साइबर फ्रॉड माफिया उन्हें साइबर स्लेव गुलाम बनाने के लिए उनकी स्क्रीनिंग में जुट जाते हैं। चिह्नित युवाओं से वॉट्सऐप, टेलिग्राम, इंस्टाग्राम, फेसबुक व अन्य सोशल मीडिया के जरिए संपर्क कर, उन्हें सुनहरे सपने दिखाकर नौकरी के नाम पर थाईलैंड, म्यानमार और आसपास के देशों में बुलाया जाता है। दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में आगमन पर पीड़तों के पासपोर्ट और दस्तावेज जप्त कर लिए जाते हैं तथा सभी संचार के साधन समाप्त या अवरुद्ध कर दिए जाते हैं। हिंसा की धमकी देकर उन्हें नकली सोशल मीडिया प्रोफाइल बनाने के लिए मजबूर किया जाता है ताकि लोगों को फर्जी क्रिप्टोकरेंसी एप या धोखाधड़ी वाली निवेश योजनाओं में निवेश, डिजिटल अरेस्ट या हनीट्रेप जैसे विभिन्न माध्यमों से ठगा जा सके। टारगेट पूरा न करने या भागने की कोशिश करने पर शॉक ट्रीटमेंट जैसी कठोर यातनाएं दी जाती हैं और परिवार को नुकसान पहुंचाने की धमकी भी दी जाती हैं।—-सावधानियाँ—-सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म या अन्य असत्यापित स्रोतों के माध्यम से पेश किए गए विदेश में नौकरी के प्रस्तावों को स्वीकार नहीं करना चाहिए।,संबंधित भारतीय दूतावासों से परामर्श किए बिना नौकरी हेतु विदेश जाने की जल्दबाजी न करें। नौकरी हेतु जाने से पहले उस देश में स्थित भारतीय दूतावास के माध्यम से विदेशी नियोक्ताओं के क्रेडेंशियल की जाँच सत्यापन करें।,विदेश में किसी भी नौकरी की पेशकश को स्वीकार करने से पहले भर्ती एजेंट्स के साथ-साथ कंपनियों के पिछले रिकॉर्ड की भी जाँच की जानी चाहिए।,Cyber Slavery के सहयोगी एजेंट्स या पीड़ित व्यक्तियों की जानकारी मिलती है तो उसकी जानकारी,शिकायत अपने नजदीकी पुलिस थाने में या साइबर सेल या NCRP पोर्टल या cyber Help Line (Toll Free) नम्बर 1930 पर तत्काल करें ।