नर्मदापुरम / हर साल 22 मई का दिन दुनियाभर में अंतरराष्ट्रीय जैविक विविधता दिवस के रूप में मनाया जाता है। जैव विविधता पृथ्वी पर जीवन की आधार है, जिसमें पेड़-पौधों से लेकर, जानवर, कवक और कई तरह के सूक्ष्मजीव भी शामिल हैं। जो मानव स्वास्थ्य और कल्याण के लिए बहुत जरूरी हैं। इनके जरिए हमें भोजन पानी, दवा और कई जरूरी संसाधन प्राप्त होते हैं। जैव विविधता कई तरह की प्राकृतिक आपदाओं से बचाने में भी मदद करती है। मानव गतिविधियों जैसे पेड़ काटना, गंदगी फैलाना, प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन के चलते आज जैव विविधता खतरे में है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित इस दिन का मनाने का उद्देश्य जैव विविधता के बारे में लोगों की समझ बढ़ाना और इसके संरक्षण के प्रति उन्हें जागरूक करना है।
*अंतरराष्ट्रीय जैविक विविधता दिवस का इतिहास*
अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस को 29 दिसंबर 1993 में संयुक्त राष्ट्र महासभा की दूसरी समिति द्वारा बनाया गया था। लेकिन कई देशों द्वारा व्यावहारिक कठिनाइयां जाहिर करने की वजह से 29 मई की जगह इसे 22 मई को मनाने का फैसला लिया गया। तब से लेकर आज तक इसे 22 मई को ही मनाया जा रहा है।
*कैसे कर सकते हैं जैव विविधता को बढ़ाने में मदद*
इस दिन कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है और उनके जरिए लोगों को जैव विविधता संरक्षण के बारे में बताया जाता है। हालांकि आपके छोटे-छोटे प्रयास भी इसे बचाने में बहुत बड़ी मदद कर सकते हैं। जैसे- मांस और डेयरी उत्पादों की खपत कम करके, वनों की कटाई रोककर, प्रदूषण कम कर, रिसायकल प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल कर इसमें अहम योगदान दे सकते हैं। इसके अलावा ऐसे संगठन जो जैव विविधता की रक्षा के लिए काम कर रहे हैं उनसे जुड़कर भी जैव विविधता को बढ़ाने में अपना बहुमूल्य योगदान दे सकते हैं।
(संकलन – प्रीति चौहान)