नर्मदा पुरम के जगदीशपुर क्षेत्र में स्थित श्री बड़ा राम मंदिर में चल रही संगीत में श्री नर्मदा पुराण के चतुर्थ दिवस राष्ट्रीय प्रवक्ता भागवत आचार्य पंडित सोमनाथ शर्मा जी ने नर्मदा पुराण की कथा में कथा का विस्तार करते हुए नर्मदा जी के तट पर स्थित तीर्थ की कथा को सुनाया नर्मदा जी की परिक्रमा करने से सभी तीर्थ की परिक्रमा का पुण्य प्राप्त हो जाता है ऐसा वर्णन स्कंद पुराण में आता है नर्मदा नदी वास्तव में भगवान शिव का बहता हुआ स्वरूप ही है क्या यू कहा जाए कि बहते हुए शिव ही नर्मदा है नर्मदा की भक्ति से भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं इस संसार में ऐसा कोई सुख नहीं है जो नर्मदा जी प्रदान नहीं कर सकती हैं किसी मनुष्य को अपने जीवन में अगर तत्व ज्ञान प्राप्त करना हो तो वह पूरे मन वचन कर्म से नर्मदा जी की परिक्रमा करें नर्मदा नदी के तट पर सैकड़ो महान ऋषियों ने तपस्या की परिक्रमा की और इस मार्ग में अपने इष्ट देवता का दर्शन भी कियाकथा के चतुर्दशी विभिन्न घाटों की कथा सुनाई गई जिसमें परिक्रमा में पढ़ने वाले पड़ावों की घाटों का इतिहास और साथ ही साथ कथा का महत्व भी बताया गया कथा के चतुर्थ दिवस नगर के गणमान्य जनप्रतिनिधि भी कथा का लाभ लेने पहुंचे कथा का आयोजन पूर्व विधायक पंडित गिरजा शंकर शर्मा जी श्रीमती मांडवी शर्मा जी द्वारा कराया जा रहा है कथा का समय प्रतिदिन दोपहर 2:00 बजे से 5:00 तक है।
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