इटारसी: श्री दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर संघर्ष समिति के प्रतिनिधियों के द्वारा आज एसडीएम नीलेश शर्मा से कार्यालय मे जाकर सकल हिन्दू समाज ने निम्न बिन्दुओं पर भेंटवार्ता की। जिसमें उन्हें बताया कि मंदिर के नव निर्माण एवं मंदिर की डिजाइन दिखाकर हिन्दू समाज और संगठनों को विश्वास में लाया था मंदिर निर्माण करने वालों ने वैसा नही किया और धार्मिक धरोहर के स्थान परिवर्तन में नगर के प्रबुद्ध, जाति बिरादरी प्रमुख, सामाजिक तथा व्यापारिक संगठन प्रमुखों से कोई बात नही की गई थीं। जबकि शासन के अधिनियम एवं नियमों में स्पष्ट है, कि शासकीय भूमि पर 2009 से पहले बनाये गये मंदिरों के स्थान परिवर्तन से पूर्व सभी गाइड लाइनों का पालन करना जरूरी हैं। मंदिर के नव निर्मित भूमि का स्थाई पट्टा दक्षिणमुखी हनुमान महाराज के नाम से मंदिर समिति को गोठी धर्मशाला अध्यक्ष एवं प्रशासन द्वारा सौपा जायेगा। हिंदू धर्म मान्यता अनुसार पीपल का वृक्ष उसी स्थान पर रहेगा, यातायात वृक्ष के दोनों ओर से हो सकता है। मंदिर प्रबंधन समिति में राजनैतिक सहभागिता न हो। मंदिर निर्माण में किस किस मद से धन संग्रह किया गया है इसका हिसाब किताब भी सभी नगरवासीओं के सामने स्पष्ट होना चाहिये। आगे भविष्य में 2009 से पूर्व बने मंदिर के स्थान परिवर्तन करने से पहले कानून का सख्ती से पालन होना चाहिये। प्रतिनिधि मंडल में शिव किशोर रावत, गोपाल सोनी, राजकुमार मालवीय, प्रताप सिंह वर्मा, अंकित रैकवार, शुभम सेजकर शामिल रहे। आगे कहा कि 11 दिसम्बर तक अगर यह मांगे पूरी नही होती है तो आन्दोलन का शंखनाद किया जायेगा। गौरतलब है कि संघर्ष समिति द्वारा इससे पहले महामहिम राज्यपाल को इन्हीं मांगों से संबंधित ज्ञापन प्रस्तुत किया गया था एवं जिला कलेक्टर कार्यालय में जनसुनवाई में भी इन्हीं मांगों की पूर्ति के लिए आवश्यक कदमों को उठाने के लिए कहा गया हैं ।
एसडीएम कार्यालय इटारसी मैं रेलवे स्टेशन दक्षिण मुखी हनुमान मंदिर की फोटो लगी हुई है:-


