भोपाल : सड़क या सार्वजनिक स्थान पर मवेशियों को खुला छोड़ना या बांधना अब पशुपालकों को भारी पडे़गा। ऐसे मामलों में अब एक हजार रूपये का अर्थदंड वसूल किया जाएगा। इसके लिए राज्यपाल मंगुभाई पटेल की अनुमति से सरकार ने मध्य प्रदेश नगर पालिका विधि संशोधन अध्यादेश-2022 जारी किया है। विधानसभा के शीतकालीन सत्र में नगरीय विकास एवं आवास विभाग संशोधन विधेयक प्रस्तुत करेगा।
पांच हजार रुपये तक हो सकता है अर्थदंड
उच्च न्यायालय जबलपुर में अवमानना सहित विभिन्न याचिकाओं में दिए गए निर्देशों को देखते हुए शिवराज कैबिनेट ने नगर निगम अधिनियम 1956 एवं नगर पालिका अधिनियम 1961 में संशोधन करने का निर्णय किया था। इसे लागू करने के लिए पहले विधेयक प्रस्तुत करने की तैयारी थी लेकिन मानसून सत्र में यह प्रस्तुत नहीं हो सका। इसके बाद अध्यादेश के माध्यम से लागू करने का निर्णय लिया गया।
इसमें प्रविधान किया गया है कि कोई भी जानबूझकर या लापरवाही से किसी मवेशी या अन्य पशुओं को सड़क या अन्य सार्वजनिक स्थान पर छोडे़गा या बांधेगा तो उस पर एक हजार रुपये का अर्थदंड लगाया जाएगा। यह राशि पहले पांच हजार रुपये प्रस्तावित की गई थी लेकिन मंत्रियों के सुझाव पर मुख्यमंत्री ने इसे घटाकर एक हजार रुपये कर दिया।कई जगह यातायात होता है बाधित
सड़कों पर मवेशियों के बैठे रहने से जहां यातायात बाधित होता है, वहीं दुर्घटनाएं भी होती हैं। कई संगठनों ने इस संबंध में सरकार से कठोर कार्रवाई की मांग की थी। दरअसल, ग्रामीण वर्षाकाल में पशुओं को खुला छोड़ देते हैं और ये सड़क पर आ जाते हैं। नगरीय निकायों के पास कांजी हाउस में पर्याप्त स्थान और व्यवस्था नहीं रहती है, इसलिए वे भी इस समस्या पर ध्यान नहीं देते हैं।
पंचायत क्षेत्रों में भी यही स्थिति है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि एक हजार रुपये अर्थदंड होने से पशुपालक भी मवेशी को खुले में छोड़ने से बचेंगे। पशुओं की पहचान के लिए पशुपालन विभाग द्वारा टैग लगाए जा चुके हैं। टैग के माध्यम से मवेशी के मालिक का पता लगाया जाएगा।