इटारसी : लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल ने वार्षिक परीक्षा काल में प्रदेश की सरकारी शालाओं में अध्यापनरत शिक्षक शिक्षिकाओं की युक्तियुक्तकरण की कार्यवाही के नाम पर अतिशेष सूची जारी कर जिले के शिक्षक शिक्षिकाओं में हड़कंप मचा कर, शिक्षण कार्य ठप्प कर दिया है।
सरकारी शालाओं में अध्ययन करने वाले बच्चों को अपना भविष्य अंधकारमय प्रतीत हो रहा है। इस विसंगति पूर्ण एवं असामयिक वा छात्र छात्राओं के भविष्य से खिलवाड़ करने वाली कार्रवाई से जिले के शिक्षक शिक्षिकाएं भारी आक्रोशित हैं। शिक्षक कल्याण संगठन इस विसंगति पूर्ण सूची को तत्काल निरस्त कर इसकी विसंगतियों को दूर कर ग्रीष्मावकाश में जारी करने की मांग आयुक लोक शिक्षण अभय वर्मा से करता है।
शिक्षक कल्याण संगठन के संयोजक राजकुमार दुबे का कहना है की जिस समय वार्षिक परीक्षा सिर पर है एवं सरकारी शालाओं के शिक्षक शिक्षिकाओं को अपनी अपनी शालाओं के बच्चों का भविष्य संवारने के लिए शालाओं में रहकर पूर्ण मनोयोग से शिक्षण कार्य पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए तब उन्हें यह सब छोड़कर, अतिशेष होने के नाम पर दावा आपत्ति पेश करने के लिए शिक्षा अधिकारी कार्यालयों के चक्कर लगाना पड़ रहे हैं।
संगठन के जिला अध्यक्ष सुरेश कुमार चिमानिया का कहना है कि युक्तियुक्तकरण की कार्यवाही हमेशा ग्रीष्मावकाश में होना चाहिए ना कि परीक्षा काल में। इससे सरकारी शालाओं का परीक्षा परिणाम गिरेगा एवं अध्ययन करने वाले बच्चों का भविष्य बरबाद होगा वा सरकारी शालाओं की छबि समाज की नज़रों में धूमिल होगी इस सूची को तत्काल निरस्त होना चाहिए।
जिला सचिव रामचरण नामदेव का कहना है कि तीन साल पहले 25 नवंबर 2019 को जारी विसंगति पूर्ण अतिशेष की कार्यवाही के दंश से जिले के 22 शिक्षक शिक्षिकाएं अभी तक नहीं उबरे हैं ।तब 12 माहों के उपरांत विसंगति पूर्ण सूची निरस्त हुई लेकिन जिले के प्रताड़ित 22 शिक्षक शिक्षिकाएं आज पर्यंत नवंबर 19से अक्टूबर 20कुल 12 माहों के वेतन प्राप्ति से वंचित हैं।
तहसील शाखा अध्यक्ष सत्येंद्र तिवारी कहना है की वर्तमान अतिशेष सूची भी विसंगति पूर्ण है इस सूची में शालाओं के वरिष्ठ शिक्षक शिक्षिकाओं को अतिशेष दर्शाया गया है जबकि कनिष्ठ शिक्षकों को दर्शाया जाना था, इस पर तत्काल रोक लगना चाहिए। ब्लाक अध्यक्ष राजेंद्र दुबे का कहना है कि बर्ष भर पढ़ाने वाले शिक्षक शिक्षिकाओं को शालाओं से हटाकर नये शिक्षकों के हाथों में छात्रों के भविष्य सौंपने की लोक शिक्षण संचनालय भोपाल की असामयिक कार्यवाही से जहां सरकारी शालाओं के बच्चों का भविष्य बर्बाद हो रहा है वही प्रदेश प्रशासन की छवि भी धूमिल हो रही है। इस पर तत्काल रोक लगना चाहिए।