नर्मदापुरम / मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर द्वारा दिये गये निर्देशों के पालन में एवं अध्यक्ष / प्रधान जिला एवं सेशन न्यायाधीश जिला विधिक सेवा प्राधिकरण नर्मदापुरम के मार्गदर्शन में एवं श्रीमती शशि सिंह, सचिव / जिला न्यायाधीश श्रीमती रूचि पाण्डेय, प्रधान मजिस्ट्रेट किशोर न्याय बोर्ड नर्मदापुरम एवं सुश्री स्वाति कौशल, सिविल जज जूनियर डिवीजन के आतिथ्य में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण नर्मदापुरम द्वारा दिनांक 14 नवंबर 2024 को बाल दिवस के उपलक्ष्य में चित्रकला एवं खेलकूद प्रतियोगिता एवं नालसा की मानसिक रूप से विकलांग व्यक्तियों के लिये विधिक सेवा योजना 2024 के अंतर्गत विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि श्रीमती शशि सिंह द्वारा डॉ. एनीबेसेंट मानिसक विशेष विद्यालय में आयोजित शिविर में विद्यालय के विशोष बच्चों द्वारा नृत्य एवं गायन की प्रस्तुति एवं खेलकूद की प्रतिभा को देखकर कहा कि “विशेष बच्चों में कुछ विशिष्ट योग्यतायें प्रदान करते है ईश्वर” मुख्य अतिथि द्वारा राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नालसा नई दिल्ली द्वारा मानसिक रूप से विकलांग व्यक्तियों के लिये विधिक सेवा योजना 2024 के संबंध में विस्तार से बताया गया कि विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 की धारा 12 के तहत वह व्यक्ति जिन्हें अशक्त व्यक्तियों (समान अवसर, अधिकारों की रक्षा और पूर्ण सहभागिता) अधिनियम, 1995 के तहत परिभाषित किया गया है और जिन्हें मानसिक स्वास्थ्य अधिनियम, 1987 की धारा 2 के खंड (फ) के अर्थ में मनोचिकित्सक अस्पताल अथवा मनोचिकित्सक नर्सिंग होम में रखा गया है, विधिक सेवाओं के हकदार हैं। इसलिए नालसा (NALSA) ने विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 की धारा 4(b) के अंर्तगत सशक्त अपने अधिकार से मानसिक रोगी और मानसिक अशक्तताग्रस्त व्यक्तियों को प्रभावशाली विधिक सेवाएं प्रदान करने के लिए वर्ष 2010 में एक योजना बनाई थी। इसी पृष्ठभूमि में मानसिक रूप से अस्वस्थ एवं मानसिक रूप से अशक्त व्यक्तियों के लिए विधिक सेवा की नई योजना नालसा मानसिक रूप से बीमार और मानसिक रूप से विकलांग व्यक्तियों के लिए विधिक सेवाऐं योजना, 2024 बनाई गई है” इस योजना में मानसिक रूप से अस्वस्थ और विकलांग व्यक्तियों के साथ व्यवहार करते समय कानूनी सेवा संस्थानों द्वारा पालन किए जाने वाले नए दिशानिर्देश शामिल हैं। इस योजना में उनकी जन्मजात गरिमा के लिए सम्मान, गैर- भेदभाव, पर्याप्त आवास और उपचार के लिए सूचित सहमति जैसे सिद्धांतों पर जोर दिया गया है। साथ ही, यह सुनिश्चित करता है कि मानसिक रूप से बीमार लोगों को उपचार प्राप्त करने का अधिकार है और मानसिक रूप से विकलांग लोगों के शोषण और उत्पीड़न को रोकने के लिए कदम उठाए जाते हैं। जेलों, मानसिक स्वास्थ्य संस्थानों और अदालती कार्यवाहियों में मानसिक रूप से बीमार और विकलांग व्यक्तियों को कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए विशिष्ट दिशानिर्देश भी प्रस्तुत करता है। इसमें मानसिक रूप से बीमार व्यक्तियों को जेलों में कैद करने, मानसिक स्वास्थ्य संस्थानों में रोगियों पर दौरा करने और परिवारों के साथ रोगियों के पुनर्मिलन को सुनिश्चित करने की प्रक्रिया को संबोधित किया गया है। यह कानूनी सेवा संस्थानों को मानसिक रूप से बीमार और विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों की रक्षा के लिए अदालती कार्यवाहियों में भाग लेने के तरीके के बारे में भी बताता है। अंत में जागरूकता और संवेदनशीलता कार्यक्रम चलाने के महत्व पर जोर देता है ताकि लोगों को मानसिक बीमारी के बारे में शिक्षित किया जा सके, यह समझाया जा सके कि यह उपचार योग्य है और इसके साथ कलंक नहीं है। यह मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता बढ़ाने और मानसिक रूप से बीमार और विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों की रक्षा के लिए कानूनी सेवा संस्थानों को न्यायिक अधिकारियों और वकीलों के साथ काम करने के लिए प्रोत्साहित करता है। उक्त विधिक साक्षरता शिविर के दौरान विद्यालय द्वारा बाल दिवस के उपलक्ष्य में दौड़, कुर्सी दौड़, नृत्य, गीत, चित्रकलां प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें बच्चों द्वारा पूरे उत्साह एवं जोश के साथ प्रतियोगिताओं में भाग लिया गया एवं कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों के समक्ष नृत्य, गीत, खेलकूद के अंतर्गत दौड़, कुर्सीदौड़ आदि में सहभागिता की गई, बच्चों द्वारा सुंदर-सुंदर चित्र भी बनायें गयें। कार्यक्रम के समापन उपरांत जिला न्यायाधीश / सचिव श्रीमती शशि सिंह एवं उपस्थित न्यायाधीश द्वारा उक्त कार्यक्रमों में सहभागिता करने वाले समस्त बच्चों को पुरूष्कार भी वितरित किये गये। उक्त कार्यक्रम में उपस्थित न्यायाधीश सुश्री स्वाति कौशल द्वारा बच्चों द्वारा किये गये नृत्य एवं गीत की प्रशंसा की गई। उक्त विधिक साक्षरता शिविर में श्रीमती शशि सिंह, जिला न्यायाधीश / सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, श्रीमती रूची पाण्डेय, प्रधान मजिस्ट्रेट किशोर न्याय बोर्ड, सुश्री स्वाति कौशल, सिविल जज जूनियर डिवीजन, अनंत तिवारी, डिप्टी चीफ लीगल एड डिफेंस काउंसिल, विद्यालय की संचालिका श्रीमती आरती दत्ता, प्राचार्य श्रीमती सुनीता गौर, प्रशिक्षक सुश्री सुजाता नाथ, निशा वर्मा, धनवंती, सलोनी यादव, सलोनी दुबे, नितेश सिकरवार, जलज यादव, मिठुन नाथ एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं विद्यालयीन स्टॉफ उपस्थित रहे।
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