टीकमगढ़। म.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर के निर्देशानुसार एवं माननीय प्रधान जिला न्यायाधीश, अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्रीमती प्रवीणा व्यास़ के मार्गदर्शन में वन स्टाॅप सेंटर में बाल विवाह के रोकथाम के संबंध में 30 अप्रैल 2025 बुधवार के दिन महिला एवं बाल विकास विभाग के समन्वय से वनस्टाॅप सेंटर में विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में अनुज कुमार चंसौरिया, जिला विधिक सहायता अधिकारी द्वारा उपस्थित महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि बाल विवाह समाज के लिए एक अभिशाप है जिसे दूर करने के लिए सरकार द्वारा बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 कानून बनाया है, जिसके विभिन्न प्रावधानों की जानकारी देते हुए बताया कि शादी के लिए किसी लड़की को 18 वर्ष तथा लड़के को 21 वर्ष का होना आवश्यक है। यदि इसके पूर्व शादी की जाती है तो वह बाल विवाह की श्रेणी में आता है, जो कि दण्डनीय अपराध है। इसके अलावा कार्यक्रम में उपस्थित महिलाओं को बाल विवाह के दुष्प्रभावों के बारे मे भी अवगत कराया। कार्यक्रम में वन स्टाॅप सेंटर की प्रशासिका श्रीमती शिखा शर्मा के द्वारा भी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपस्थित महिलाओं से अपनी लड़की एवं लड़के का विवाह निर्धारित समय पर ही करने की अपील की, क्योंकि बाल विवाह बचपन तो खत्म करता ही है साथ ही इससे बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य और मानसिक अवस्था पर भी गलत प्रभाव पड़ता है। कार्यक्रम में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं वन स्टाॅप सेंटर के कर्मचारीगण, पैनल अधिवक्तागण, पैरालीगल वालेंटियर एवं अधिक संख्या में महिलाएं उपस्थित रही। कार्यक्रम के पश्चात कार्यक्रम में सभी के द्वारा बाल विवाह रोकने के संबंध में शपथ भी ली गई और सभी ने कहा कि वे समाज को बाल विवाह मुक्त करने का प्रयास करेंगे।
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