नर्मदापुरम / भोपाल में आज 18 मई 2025 को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और धरोहरों के प्रति युवाओं की रूचि विकसित करने के लिए नवीनतम तकनीक का उपयोग करते हुए जानकारियों का आकर्षक रूप से प्रस्तुतिकरण आवश्यक है। धरोहरों के संरक्षण के लिए भी अद्ययतन तकनीक का उपयोग जरूरी है। इस दृष्टि से राज्य संग्रहालय ने इमर्सिव एक्सपीरियंस सेंटर आरंभ करने का नवाचार समयानुकूल है। प्रदेश में स्मारकों और संग्रहालयों में दृश्कों के लिए विश्वस्तरीय सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। संग्रहालयों की समृद्ध परंपरा में मध्य प्रदेश जिस प्रकार से कार्य कर रहा है, उससे देश- दुनिया में प्रदेश की विशेष पहचान बनी है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में हम बदलते दौर के भारत में रह रहे हैं। यह बदलाव हर क्षेत्र में देखा जा सकता है। संग्रहालय अब इतिहासकारों और शोधार्थियों के साथ-साथ जनसामान्य के लिए भी रूचि- अकर्षण और ज्ञार्नाजन के केंद्र का रूप ले रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव विश्व संग्रहालय दिवस के अवसर पर राज्य संग्रहालय में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इर्म्सिव एक्सपीरियन्स सेंटर का लोकापर्ण किया तथा इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर में आयोजित कार्यक्रमों का भी वर्चुअल शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने राज्य संग्रहालय की सराहना करते हुए कि पर्यटकों के लिए अब भोपाल की यात्रा, राज्य संग्रहालय आए बिना अधूरी रहेगी। उन्होंने कहा कि स्कूल शिक्षा- उच्च शिक्षा और पर्यटन विकास निगम संयुक्त रूप से स्कूल-कॉलेज के विद्यार्थियों के संग्रहालय भ्रमण का संभागवार क्रम बनाएं, इससे विद्यार्थी , प्रदेश की समृद्ध ऐतिहासिक धरोहर से जुड़ेंगे और राज्य संग्रहालय की प्रसिद्धी भी होगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के धार्मिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक केंद्रो को जन सामान्य से जोड़ने के लिए विभिन्न स्तरों पर गतिविधयां संचालित की जा रही हैं। प्रदेश के प्रमुख नगरों के मुख्य प्रवेश मार्गों पर महापुरूषों को समर्पित द्वार विकसित किए जा रहे हैं। हमारे देवस्थान अभी तक केवल पूजा पाठ के लिए जाने जाते थे। प्रदेश में निर्मित हुए महाकाल लोक सहित अन्य लोकों ने मंदिरों को आस्था, श्रद्धा के साथ-साथ लोक रुचि का भी स्वरूप प्रदान किया है । प्राचीन भारतीय स्थापत्य कला, मुद्रा व्यवस्था सहित संपूर्ण जीवन पद्धति उन्नत स्वरूप में थी। नवीनतम तकनीक से इनके संरक्षण और प्रस्तुतीकरण से हमारी समृद्ध धरोहर को वर्तमान और आगामी पीढ़ी की रूचि के अनुकूल बनाए रखने में मदद मिलेगी। प्रमुख सचिव पर्यटन, संस्कृति और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि मध्यप्रदेश की समृद्ध विरासत की गौरवशाली गाथा को भावी पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए यह नवीन प्रयोग किया गया है। देश की 62 यूनेस्को धरोहर में से एक चौथाई सिर्फ मध्यप्रदेश में है। यह प्रदेश के गौरवशाली अतीत को दर्शाता है। वर्तमान में प्रदेश की 18 धरोहरों को यूनेस्को ने अपनी सूची में शामिल किया है। इसमें से 3 स्थाई सूची में और 15 अस्थाई सूची में शामिल है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में हम यूनेस्को की अस्थाई सूची में धरोहरों को जोड़ने के साथ अस्थाई सूची में शामिल धरोहरों को स्थाई सूची में लाने के प्रयास कर रहे है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड के त्रैमासिक न्यूज लैटर “ऑफबीट मध्य प्रदेश” के द्वितीय संस्करण का विमोचन किया । इसके पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इसके प्रथम संस्करण का विमोचन किया था। इसे अंतर्राष्ट्रीय व स्थानीय बाजार के लिए प्रकाशित किया गया है। इसका मकसद मध्य प्रदेश के टूरिज्म ऑफर्स, उपलब्धि, और इवेंट्स की जानकारी लोगों तक पहुंचाना है। यह खासतौर पर हमारे पर्यटकों, चैनल पार्टनर्स और हितधारकों के लिए बनाया गया है।
“ऑफबीट मध्यप्रदेश” में क्या है खास?
इस न्यूज लैटर में मध्य प्रदेश की प्राकृतिक सुंदरता, इतिहास और विरासत को बखूबी पेश किया गया है। इसमें मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और संस्कृति, पर्यटन मंत्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी के संदेश शामिल हैं, जो पर्यटन को बढ़ावा देने की उनकी सोच को दर्शाते हैं। इसके साथ ही, मध्य प्रदेश पर्यटन विकास निगम के प्रबंध संचालक डॉ. इलैयाराजा टी. और टूरिज्म बोर्ड की अपर प्रबंध संचालक सुश्री बिदिशा मुखर्जी के साक्षात्कार भी हैं, जो पर्यटन के विकास की कहानी बयां करते हैं।
न्यूज लैटर में मानसून के दौरान मध्य प्रदेश की सैर को खास तवज्जो दी गई है। मांडू और इसके आसपास के इलाकों की खूबसूरती को दिखाया गया है, इसके अलावा मशहूर रानी अहिल्या बाई होलकर के जीवन को भी जगह दी गई है। उनके बचपन से लेकर शासनकाल तक की कहानी बताई गई है।
निवेशकों और टूर ऑपरेटरों के लिए टूरिज्म पॉलिसी के अहम बिंदु शामिल किए गए हैं। न्यूज़ लैटर में पर्यटकों के अनुभव उनकी ही जुबानी शामिल हैं, जो मध्य प्रदेश की सैर को यादगार बताते हैं। साथ ही, इंदौर की मशहूर शिकंजी बनाने की विधि भी सिखाई गई है, जो पाठकों के लिए एक मजेदार आकर्षण है।
“ऑफबीट मध्य प्रदेश” मध्य प्रदेश के पर्यटन को नई पहचान देने का शानदार जरिया है। यह पर्यटकों को राज्य की खूबसूरती और विविधता से जोड़ता है और निवेशकों के लिए अवसर खोलता है। मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड का यह कदम निश्चित रूप से राज्य को वैश्विक पर्यटन नक्शे पर और मजबूत करेगा।