प्रदीप गुप्ता /नर्मदापुरम/ शासन प्रशासन द्वारा हमेशा महिला के उत्थान में कार्य किया जाता है लेकिन इन दिनों जिले में इसके विपरीत ही कार्य चल रहा है। मामला यह है कि मध्यान्ह भोजन का काम पुराने स्व सहायता समूहों से छीनकर नए स्व सहायता समूहों को देेने का खेल चल रहा है। मध्याह्न भोजन बनाने और परोसने में बिना कोई कमी या शिकायत के भी चहेतों को उपकृत करने के लिए पुरानों को हटाया जा रहा है। न कोई अपील न दलील और न सुनवाई, सीधे कार्रवाई की तर्ज पर यह काम चल रहा है, इसके कारण स्व सहायता समूहों से जुड़ी गरीब महिलाओं की रोटी रोजी पर संकट के बादल छा गए हैं। हाल ही में प्राथमिक शाला बालागंज में भोजन वितरण का कार्य कर रहे खुशबू स्वसहायता समूह को हटाकर दूसरे चहेते समूह को दे दिया गया है। इस समूह की न तो कोई शिकायत हुई, न भोजन में किसी प्रकार से लापरवाही, सब काम ठीक-ठाक चल रहा था, फिर भी राजनैतिक द्वेष भावना के चलते उक्त महिला का भोजन वितरण का काम बंद कर दिया गया, जिसके कारण उक्त महिला के परिवार पर रोजी-रोटी का संकट आ गया है। बता दें कि यदि कभी किसी समूह को हटाया जाता है तो उसे पहले विधिवत नोटिस और सूचना दी जाती है और कारण बताया जाता है कि भोजन में गुणवत्ता नहीं है या लापरवाह हो या भोजन ठीक नहीं बन रहा है, यह सब बातें होने के बाद ही उक्त समूह को हटाया जाता है। लेकिन शासकीय प्राथमिक शाला बालागंज में भोजन वितरण का कार्य करने वाली एक महिला को अकारण, बिना नोटिस के भोजन वितरण कार्य से मुक्त कर दिया गया है और इसकी जगह किसी अन्य समूह की महिला को यह कार्य दे दिया गया है। अनुश्रवण समिति द्वारा बिना किसी कारण बिना किसी नोटिस के समूह को नहीं हटाया जाता, लेकिन समिति ने बिना जांच-पड़ताल के खुशबू स्व सहायता समूह को बिना कारण हटाया गया है, यह भी एक जांच का विषय है । उक्त समिति में जिला पंचायत सीईओ, एसडीएम, स्कूल प्रबंधन, बीआरसी व अन्य लोग इस सदस्य रहते हैं। यह समिति पहले जांच पड़ताल करती है और इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाती है, लेकिन अनुसरण समिति ने बिना जांच पड़ताल के बिना नोटिस के खुशबू स्वसहायता समूह को भोजन वितरण से हटा दिया है, यह भी एक जांच का विषय है। बताया जाता है कि जिस महिला को यह कार्य दिया गया है उक्त महिला की पहले से ही काफी शिकायतें लंबित हैं, लेकिन राजनीतिक षड्यंत्र के तहत खुशबू स्वसहायता समूह को बिना कारण, बिना नोटिस दिए भोजन वितरण कार्य से मुक्त कर दिया गया है।
*महिला ने सुनवाई में कलेक्टर से लगाई गुहार*
इस मामले में खुशबू स्वसहायता समूह की संचालक ने कलेक्टर नीरज कुमार सिंह को लिखित रूप से शिकायत की है और गुहार लगाई है कि मेरे पास मात्र एक ही स्कूल था, जहां मैं बच्चों को भोजन वितरण का कार्य करती थी, इसके कारण ही मेरे परिवार का भरण पोषण होता था, लेकिन अब मुझे यहां से हटाने के बाद मेरे परिवार में रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। उक्त महिला ने इस मामले की वरिष्ठ अधिकारियों से उचित जांच कराने की मांग की है। स्व सहायता समूह चलाने वाली महिला का कहना था कि सरकार की गाइडलाइन के अनुसार ही बच्चों को जो मीनू तैयार किया गया है उसी के आधार पर मैं भोजन वितरण का कार्य करती थी और भोजन में भी गुणवत्तापूर्ण खाना रहता था बनने के पहले स्कूल प्रबंधन इस भोजन को चखते थे, उसके काम में किसी प्रकार की कोई कमी या शिकायत नहीं रही। खुशबू स्वसहायता समूह मध्यान भोजन का कार्य करती थी, अब काम छिन जाने से महिला और पूरे समूह की रोटी रोटी पर संकट मंडरा रहा है जबकि उक्त महिला के पास पहले से ही स्थानीय नॉर्मल स्कूल में भोजन वितरण का काम है और इसे दूसरा भी काम मिल गया।
इनका कहना
मेरे आदेश से स्वसहायता समूह नहीं हटाया है, अनुश्रवण समिति को यह अधिकार हैं, मैने कोई आदेश दिये हैं, इस संबंध में आप बीआरसी से चर्चा कर सकते हैं।
मोहिनी शर्मा, एसडीएम
इस मामले को लेकर जिला पंचायत सीईओ सोजान सिंह रावत के मोबाइल नंबर 9098797967 पर संपर्क करना चाहा, लेकिन उन्होंने मोबाइल रिसीव नहीं किया।
सोजान सिंह रावत, सीईओ जिला पंचायत