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टीकमगढ़ । विश्व एड्स जागरूकता एवं रेड रेबिन के अंतर्गत शासकीय कन्या महाविद्यालय में रा.से.यो. अधिकारी एवं प्रभारी प्राचार्य डॉ श्रीमती प्रवीण झाम की अध्यक्षता में कार्यशाला का आयोजन किया गया मुख्य वक्ता डॉ एच.पी.मिश्रा थे इस अवसर पर डॉ झाम ने छात्राओं को एड्स के संबंध में जानकारी दी । छात्राओं द्वारा स्वागत किया गया । एच.आई.वी को पहली बार 1981 में पहचाना गया था । एच.आई.वी.हयूमन इम्युनोडोफिशिएसी वायरस एच.आई.वी एक वायरस है जो कोशिकाओं पर हमला करता है हालांकि एच.आई.वी दवा एंटीरेट्रोवायरल थेरपी या ए आरटी कहा जाता है । एच.आई.वी वाले लम्बे समय तक स्वस्थ जीवन जी सकते है और एच.आई.वी को अपने सहयोगियों तक पहुंचाने से रोक सकते है । एड्स का पूरा नाम एक्कायर्ड इम्यूलनों डेफिसिएंशी सिंड्रोम है ।एड्स एच.आई.वी का अतिचरण है जो तब होता है जब वायरस के कारण शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो जाती है यह मनुष्य की प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर कर देता है । एड्स एच.आई.वी पॉजिटिव गर्भवती महिला से उसके बच्चों को फैलता है असुरक्षित संबंध बनाने फैलता है और संक्रमित रक्त या संक्रमित सुई से फैलता है । शरीर में सफेद रक्त कोशिकाएं होती है जो शरीर की प्रतिरक्षा कोशिकाओं को खत्म कर देता है प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर करता है,वजन कम होना,सिरदर्द बुखार,दस्त,गले में खरास,खांसी,टी.बी. इसके लक्षण है । यदि किसी व्यक्ति में उपरोक्त लक्ष्ण है तो एड्स की जांच कराये व्यक्ति की जांच गोपनीय रखी जाती है । डॉ मिश्रा ने इसके बचाब के लिए संक्रमित सुई का इस्तेमाल न करे,एच.आई.बी.ग्रसित रोगी का खून किसी को न दे,खून देने से पहले खून की जांच कर ले अगर आपको एच.आई.वी है आप अपनी एच.आई.वी दवा ले रहे है तो उपचार जारी रखे और डॉक्टर की सलाह का पालन करते रहे । स्वस्थ जीवन शैली का पालन,हैल्दी डाईट ले पूरी 08 घंटे नीद ले तनाव कम करे । इस तरह स्वस्थ रहने से आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को संक्रमण से लड़ने में मदद मिलेगी । एड्स छूने से नहीं फैलता है इस भ्रांति को मन से निकाल दे एड्स के प्रति जागरूकता ही बचाब है । इस अवसर डॉ आर.एम.दुबे,डॉ उषा सिंह,डॉ माधवी सालुंके,डॉ अनुभा शर्मा, डॉ हर्षवर्धन,कु.आस्था,खूबचन्द्र,कैलाश,मनोज कुमार,दुष्यंत कुमार एवं छात्रायें उपस्थित रही।00:00
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