इटारसी: आयुष संस्था द्वारा हिंदी दिवस के उपलक्ष में विद्यार्थियों की कार्यशाला संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें अंग्रेजी माध्यम के विद्यार्थियों द्वारा हिंदी भाषा में किसी भी तथ्यों को समझाने पर यही असमंजस सामने आता हैं की हमें हिंदी में कुछ समझ नहीं आता सर हमे अंग्रेजी में समझाइए जो कि हिंदी भाषा की निम्न स्थिति को विद्यार्थियों के समक्ष दर्शाता हैं। वास्तविक विडम्बना है कि किसी विद्यार्थी को जब तक हिंदी अच्छे से नहीं आएगी तो वह अंग्रेजी कैसे सीख सकता है? हिंदी राजभाषा प्रधान वाले देश में हिंदी भाषा की स्थिति सोचनीय है। आज संस्था के विद्यार्थियों ने हिंदी भाषा में अपनी लेख एवं निबंध प्रस्तुत किये। इस अवसर पर संस्था प्राचार्य डॉ प्रताप सिंह वर्मा ने कहा की हमारी संस्था हिंदी के उत्थान, समृद्धि एवं उन्नति हेतु विगत 20 सालो से हिंदी साहित्य सम्मेलन प्रयागराज के साथ सम्बद्ध होकर कार्य कर रहीं हैं । इस अवसर पर संस्था की हिंदी विभाग की शिक्षिका अलका राजपूत ने हिंदी के महत्व एवं हिंदी क्यों जरूरी है के बारे में अपने विचार प्रकट किए। प्राथमिक वर्ग के बच्चों ने क, ख, ग के पोस्टर बनाये। निबंध एवं लेख प्रस्तुति में विद्यार्थी शिवानी पासवान, श्वेता मिर्धा, देवयानी, रानी बुलकुंडे का उत्कृष्ट स्थान रहा। इस अवसर पर संस्था के देवेंद्र कुमार चौरे, हर्षिला रत्नाकर, राधिका पटेल, किरण यादव, तमन्ना अहिरवाल, काजल सारवान, प्राची बरखने, प्राची चौधरी, राखी ने अपने विचार प्रस्तुत किये।