नर्मदापुरम / अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के अवसर पर भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ के अंतर्गत नर्मदा माविद्यालय में कार्यक्रम आयोजित किये गए। इस अवसर पर वृद्ध जनों के प्रति युवाओं का दायित्व’ विषय पर भाषण प्रतियोगिता भी कराई गई। कार्यक्रम का प्रारंभ मां सरस्वती का पूजन एवं दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। कार्यक्रम में सामाजिक संस्थान, शिक्षा, साहित्य आदि क्षेत्रों में सक्रिय वृद्धजनों में शिक्षाविद डॉ. एल. एल. शर्मा , वरिष्ठ साहित्यकार गिरिमोहन गुरु एवं समाजसेवी पं. उमाशंकर चौबे को अपने-अपने क्षेत्र में सक्रिय योगदान के लिए डॉ. राजेश दीवान एवं डॉ. रवि उपाध्याय ने शाल श्रीफल देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम का बीज वक्तव्य प्रो. के. जी. मिश्र, अध्यक्ष हिंदी विभाग ने दिया । उन्होंने अपने वक्तव्य में बताया कि वृद्ध जनों की सेवा करके ही युवा ज्ञान और यश प्राप्त कर सकता है । पं. उमाशंकर चौबे ने विषय पर अपनी बात रखते हुए कहा कि श्रमदान से बढ़कर कोई दान नहीं है तथा स्वच्छता में ही ईश्वर का वास होता है । पं. गिरि मोहन गुरु ने अपनी बात काव्यात्मक रूप में प्रस्तुत करते हुए मानव जीवन में प्रेम और सकारात्मकता का संदेश दिया। पूर्व प्राचार्य प्रो. एल. एल शर्मा ने महाविद्यालय से जुड़े अपने संस्मरण सुनाते हुए विद्यार्थियों को अपने जीवन में स्वामी विवेकानंद के जीवन से प्रेरणा लेने एवं देश सेवा के पथ पर आगे बढ़ने की बात कही । कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य डॉ.अमिता जोशी ने अपने वक्तव्य में कहा कि हमारा प्रारब्ध ज्ञान और पुण्य से बनता है अतः युवा पीढ़ी को अपने वृद्ध जनों की सेवा कर उनके अनुभवों का ज्ञान एवं पुण्य प्राप्त करना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन डॉ. दिनेश श्रीवास्तव ने किया एवं आभार प्रदर्शन प्रो. हंस व्यास का रहा। भाषण प्रतियोगिता में राजकुमार चौहान प्रथम , सलोनी द्वितीय एवं दुर्गा ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में प्राध्यापक एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।
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