बैतूल। जिला मुख्यालय के समीप ग्राम मलकापुर में चल रही श्रीमद् भागवत महापुराण में तृतीय दिवस की कथा में वृंदावन से पधारे कथा प्रवक्ता कान्हा जी महाराज ने कथा मे शिव विवाह, ध्रुव चरित्र, नरसिंह अवतार प्रहलाद चरित्र की कथा का संगीतमय झाकियों सहित वर्णन किया। चलते प्रसंग में कान्हा जी महाराज ने शिव व सति प्रसंग की व्याख्या करते हुए बताया कि किस तरह शिव (पति की) आलोचना सुनने पर सति माता ने अपना शरीर यज्ञ कुण्ड में भस्म कर दिया। जब शिवजी ने सति की देह को लेकर भ्रमण किया तो नारायण के चक्र से सति माता के शरीर 51 स्थानों पर गिरा, जहां शक्ति पीठों की उत्पति हुई। जीव का सच्चा सम्बंध सगे सम्बंधियों से नहीं बल्कि प्रभु से होना चाहिए।
भाई का हक कभी मत खाना
कान्हा जी महाराज ने कथा को आगे बढ़ाते हुए बताया कि दुर्योधन के विनाश का मूल कारण है भाई युधिष्ठिर को उसका हक नहीं देना। कथा सुन रहे मेरे माई बापो, भाई का हक कभी मत खाना। ऐसा करने वाले तेरह वर्ष बीतने का इंतजार करें उसका विनाश शुरू होना तय है। कान्हा महाराज ने कहा जब जनगणना हो तब जरूर बताना की हमें संस्कृत भाषा भी आती है क्योंकि हमें अनेकों श्लोकों का ज्ञान है और याद भी हैं।
कलयुग का प्रवास इन चार जगह है
कान्हा महाराज ने कहा कि कलयुग चार गंदी जगह प्रवास करता है जुआ, मदिरा, मांसभक्षण, वेश्यावृत्ति जिसने इनको पकड़ा वह नष्ट हो गया। जिनके जीवन में ये बैठ जाए वह कितना भी धनवान हो वह अशांत ही रहेगा। इसीलिए इन चारो दुर्गुणों से दूरी बनाकर रखें।
सूर्य भगवान उजाला लेकर आते हैं उनका स्वागत करना चाहिए……
कान्हा महाराज ने कहा कि जो व्यक्ति सूर्योदय के बाद तक सोता है उसके जेब में दवाई का पैकेट हमेशा रहता है। सूर्योदय के बाद तक सोने वाले गृहस्थी के घर में अशांति रहती है तो विद्यार्थी का मन विद्यार्जन करने में नहीं लगता है। जैसे हम किसी घर आने वाले मेहमान का स्वागत सुबह जल्दी उठकर साफ सफाई करके करते हैं। उसी प्रकार हर व्यक्ति को सूर्यनारायण के आगमन से पहले उठकर स्वागत करना चाहिए। क्योंकि सूर्यदेव भी तो मेहमान बनकर उजाला लेकर आते हैं।
उसका जीवन निरर्थक है जो भी प्रभु की भक्ति न करे.
शिव विश्वास और माता पार्वती श्रद्धा हैं। ध्रुव चरित्र सुनाते हुए कान्हा जी महाराज ने बताया कि भगवान की भक्ति के लिए धन वैभव जाती पाती कुल ज्ञान दिखावा की आवश्यकता नहीं है भगवत प्राप्ति के लिए हृदय में विशुद्ध प्रेम की आवश्यकता है परमात्मा आडंबर में नहीं परमात्मा प्रेम से मिलता है। पूज्य कान्हा जी के महाराज के साथ वृंदावन से पधारे भजन मंडली के गायक भोले शास्त्री, मोहनलाल जी, किशन, राजा, शशांक व वशिष्ठ ने चली जा रही है उम्र धीरे धीरे…तेरा मेरा प्यार कभी ना बदले…. जैसे सुमधुर मीराबाई के भजनों की प्रस्तुति देकर सारे पांडाल को भावविभोर कर दिया। कथा के अंत में मुख्य यजमान प्रीति राकेश महतो ने आरती कर सभी भक्तों को प्रसाद वितरण किया गया। शुक्रवार को नंद महोत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया जाएगा। आसपास के संपूर्ण क्षेत्रवासी जनता जनार्दन में कथा श्रवण कर अत्यंत उत्साह है। इस अवसर पर अलका नवनीत महतो, सरिता अनीत महतो, सजल, वेदांत, अंश, पीहू, राज, यस, बद्रीप्रसाद वर्मा, सुजीत वर्मा आदि ने कथा व्यास स्थल पर अधिक से अधिक संख्या में पधार कर श्रवण करने की अपील की।