प्रदीप गुप्ता/ नर्मदापुरम / जिला अभियोजन अधिकारी राजकुमार नेमा ने बताया कि फरियादिया जिसकी उम्र लगभग 16 साल है। उसने बताया कि एक साल पहले उसने पढ़ाई छोड़ दी है । आरोपी संतोष यादव जो उसके पडोस में रहता है। मैं घर मे अकेली थी मम्मी पापा खेत पर मजदूरी करने गये थे तभी अचानक से संतोष यादव मेरे घर मे घुस आया और जबरदस्ती मेरी मर्जी के बिना मेरे साथ बुरा काम किया । जब मेरे घर मे मम्मी पापा मजदूरी करने जाते थे तब संतोष यादव मुझे अकेला देखकर मेरे घर मे आता था और मेरे साथ बुरा काम (बलात्कार) करता था । संतोष यादव मुझे बोलता था कि अगर ये बात तूने किसी को बताई तो मैं तुझे व तेरे परिवार को जान से खत्म कर दूंगा । आरोपी द्वारा पुन: दिनांक 28-03-21 को शाम 4 बजे आरोपी जबरदस्ती उसे मरोड़ा के पीछे जंगल मे ले गया और उसके साथ उसकी मर्जी के बिना उसके साथ बुरा काम (बलात्कार) किया था । फरियादिया द्वारा उक्त घटना की जानकारी अपने माता पिता को दी। जिसकी रिपोर्ट अभियोक्त्री ने अपने पिता के साथ थाना- रामपुर गुर्रा में जाकर दर्ज करायी। पुलिस द्वारा प्रकरण को विवेचना में लिया गया। प्रकरण की विवेचना उपरांत अभियोग पत्र माननीय विशेष न्यायालय पाक्सो एक्ट नर्मदापुरम के समक्ष पेश किया गया। विचारण दौरान माननीय न्यायालय द्वारा अभियोजन साक्षियों और दस्तावेज के आधार पर आरोपी को धारा- 376 (3) भादवि में दोषी पाया। प्रकरण में शासन की ओर से प्रकरण में अति. जिला अभियोजन अधिकारी लखन सिंह भवेदी द्वारा सशक्त पैरवी की गयी। आरोपी को धारा-376(3) भादवि में 20 वर्ष का कारावास व 2000 रूपये अर्थदंड से दण्डित किया गया।