नर्मदापुरम / प्रदीप गुप्ता / नर्मदा कॉलेज में विश्व बैंक परियोजना के अंतर्गत समाज शास्त्र विभाग की ओर से शोधात्मक गतिविधियों के प्रति विद्यार्थियों को जागरूक करने के लिए शोध क्या है ? और शोध पत्र कैसे लिखा जाए ? विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया । विभागाध्यक्ष डॉ. आलोक मित्रा ने विषय प्रवर्तन करते हुए कार्यक्रम के उद्देश्य और अवधारणा पर प्रकाश डाला। डॉ. महेश शुक्ला टी आर एस कालेज रीवा ने शोध पर आधारित व्याख्यान प्रस्तुत किया। पीपीटी के माध्यम से इसके महत्वपूर्ण आयामों और अवधारणात्मक विश्लेषण प्रस्तुत किया । शोध के 6 महत्वपूर्ण बिंदु क्या, कब, क्यों, कैसे, कहां और कौन विषय वस्तु का केन्द्रीय विश्लेषण रहे । उन्होंने बताया कि शोध पत्र नवीन विचार, लघु शोध प्रबंध, क्षेत्र के गहन ज्ञान, शोध उद्देश्य, अकादमिक उद्देश्य, ज्ञान प्रबंध लेखन कार्य में दक्षता, सामाजिक समस्याओं के अध्ययन और निदान के कारण लिखे जाते हैं ।जिसमें शीर्षक , लेखक का नाम, सारांश, अवधारणा, साहित्य विश्लेषण, लिखने का तरीका, प्रविधि, निष्कर्ष और आभार प्रमुख बिंदु होते हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया की शोध में साहित्यिक नक़ल या चोरी से बचना चाहिए। सवाल जवाब वाले सत्र में शोधार्थी और विद्यार्थियों द्वारा पूछे गए प्रश्नों का उत्तर विषय विशेषज्ञ डॉ महेश शुक्ला द्वारा दिया गया। संचालन करते हुए डॉ. हंसा व्यास ने शोध प्रविधि के आवश्यक तत्वों की जानकारी दी। डॉ. अंजना यादव ने प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। मेघा रावत, रीनू वर्मा , एस के दिवाकर , डॉ. राजीव शर्मा, जीपी रैकवार, डॉ. रवि उपाध्याय, शबनम कुरेशी और मनीष कटारे सहित अनेक शोधार्थी उपस्थित रहे।