बैतूल। सामजिक क्रांति के जनक महात्मा ज्योतिबा फुले की 132वीं जयंती मंगलवार को ओबीसी महासभा के सदस्यों ने नेहरू पार्क अंबेडकर चौक के सामने पुलिस ग्राउंण बैतूल में मनाई गई। इस मौके पर उपस्थित वक्ताओं ने महात्मा ज्योतिबा फुले के कार्यो को याद किया। इस दौरान ओबीसी महासभा के जिला अध्यक्ष राजू नरेश मालवीय ने कहा कि महात्मा ज्योतिबा फुले महज समाज सुधारक ही नहीं बल्कि महान विचारक, कार्यकर्ता, समाज सुधारक, लेखक, दार्शनिक, संपादक और क्रांतिकारी भी थे. उन्होंने जीवन भर नीची जाति, कमजोर महिलाओं और दलितोद्धार के लिए बेशुमार कार्य किया. इस कार्य में उनकी पत्नी सावित्रीबाई फुले ने भी उन्हें पूरजोर योगदान दिया। ओ बी सी महासभा के महिला जिला अध्यक्ष अंजू यादव ने कहा कि ज्योतिबा फुले का बचपन तमाम संघर्षों एवं कष्टों को सहते हुए बीता. वे जब मात्र 9 माह के थे, उनकी मां का निधन हो गया. आर्थिक संकट के कारण उन्हें पिता के साथ खेतों में हाथ बंटाना पड़ता था, इसके लिए प्रारंभिक शिक्षा से भी विलग होना पड़ा. लेकिन उनके कुछ पड़ोसियों जो ज्योतिबा के कुशाग्र बुद्धि के कायल थे के सुझाव पर पिता ने उन्हें स्कॉटिश मिशन हाई स्कूल में प्रवेश दिलवाया. 12 वर्ष की आयु में उनका विवाह सावित्रीबाई से हो गया।
बी.आर.मासोदकर ने कहा कि महात्मा ज्योतिबा फुले ने सामाजिक असमानता को जड़ से उखाड़ फेंकने की कसम खाई की. वे जानते थे कि जब तक समाज में महिलाओं को सम्मान नहीं प्राप्त होगा, निम्न जाति के लोगों को हेय दृष्टि से देखा जायेगा, समाज का समुचित विकास होना असंभव है. और जब समाज कमजोर होगा तो देश कैसे सशक्त बन सकता है।
इस कार्यक्रम में नरेश राजू मालवीय ओबीसी महासभा जिला अध्यक्ष, श्रीमति अंजू यादव महिला अध्यक्ष ओबीसी महासभा, कंचन पवार .एल मासोदकर, बी आर भुमरकर कमलेश पंडोले डॉ.चंद्रशेखर, श्रीमती मंजुला पंडोले ,अरुण डोंगरे, अशोक बचले ,दुर्गा सिंह मसकोले ,एचडी जावलकर मिथिलेश जावलकर ,अरविंद सुभाष खातरकर ,सुखदर्शन सिंह आदि उपस्थित थे।
Services And Contact
Contact info : narmadasamay@gmail.com / +917974372722