इटारसी : राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग भारत सरकार के सहयोग से साइंस सेंटर ग्वालियर मध्य प्रदेश की ओर से इंस्टीट्यूट फॉर इकोलॉजी एंड लाइवलीहुड के सानिध्य में राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद उदयपुर में प्रकृति मीडिया शाला ईको यूरेका किट प्रशिक्षण कार्यशाला में इटारसी से वैज्ञानिक एवं शिक्षाविद बी एल मलैया शामिल हुए।
बी. एल. मलैया ने बताया कि कार्यशाला में देश के पश्चिमी भारत के गोवा, दादरा, नगर हवेली, दमन एवं दियू, गुजरात तथा राजस्थान से 25 शिक्षक गए। कार्यशाला में देश के पश्चिमी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों से चुने हुए 25 शिक्षक राष्ट्रीय संदर्भ अध्यापक समूह अब सक्रिय रहकर देश भर में विज्ञान को प्रकृति के बीच जाकर समझने की विधाओं का बढ़ाने में सहयोग करेंगे।
शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के लिए देशभर से वैज्ञानिक एवं विषय विशेषज्ञों को आमंत्रित किया गया था। जिन्होंने ईको यूरेका किट को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। बी. एल. मलैया ने बताया कि कार्यशाला में एस्ट्रोनॉमी के अंतर्गत सूर्य ग्रहण, तारों तथा ग्रहों की पहचान, स्टार डायल आदि उपकरण के माध्यम से अभ्यास कराए गए। पर्यावरणविद डॉक्टर सुनील दुबे ने जैव विविधता के बारे में विस्तृत जानकारी दी, विश्व बैंक से डॉक्टर विनय पटनायक ने विज्ञान को सारलीकरण करने के रास्ते सुझाए एवं साइंस सेंटर ग्वालियर मध्य प्रदेश की राज्य सचिव संध्या वर्मा ने मौसमी यंत्रों के उपयोग करने के तरीके सुझाए। कार्यशाला के समापन पर बी. एल. मलैया सर्टिफिकेट आफ एक्सीलेंस से पुरस्कृत किए गए । बी एल मलैया विज्ञान के क्षेत्र में देश एवं विदेशी संस्थानों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।