नर्मदापुरम / श्रीरामलीला महोत्सव समिति द्वारा आयोजित श्रीरामलीला मंचन के दूसरे दिवस मनु चरित्र एवं श्रीरामजन्म लीला की प्रस्तुति की गई। इस दौरान भगवान श्रीराम की बाल लीला एवं शंकर लीला की प्रस्तुति की गई । लीला में बताया गया कि राजा दशरथ अपने गुरु वशिष्ठ के पास जाकर उनसे विचार विमर्श करते हैं , गुरु वशिष्ट जी श्रृंगी ऋषि को बुलवाते हैं और शुभ मुहूर्त में पुत्र कामेष्टि यज्ञ करवातें हैं जिससे अग्नि देव प्रगट होकर राजा दशरथ को हवि प्रदान करते हैं , राजा अपनी तीनों रानियों में वह बांट देते हैं । कुछ माह पश्चात रानी कौशल्या को श्रीराम , रानी कैकई को श्री भरत और रानी सुमित्रा को श्रीलक्ष्मण और श्री शत्रुघ्न पुत्रों को जन्म देतीं हैं । दिनांक 29 सितम्बर को ताड़का वध की रौमांचकारी मंचन की प्रस्तुति की जावेगी । श्रीरामजन्म की लीला में राजा मनु और दशरथ की भूमिका सुभाष परसाई , विष्णु की प्रतीक दुबे , शंकर की दीपेश व्यास , ब्रह्मा की विनोद परसाई , सुमंत की पुनीत पाठक , बाल राम की अधीश युगन और अग्नि की आराध्य गार्गव ने भूमिका निभाई । लीला में पात्र निर्देशक पं सुनील चौरे के साथ संगीत निर्देशन पं. राम परसाई , आनन्द नामदेव , आदित्य परसाई , अथर्व दुबे और सौरभ सराठे का रहा ।